मन में बुरे विचार क्यों आते हैं? Premanand Ji Maharaj ने बताए चौंका देने वाले कारण

मन अशांत रहता है तो हो सकती है ये बड़ी गलती - प्रेमानंद जी महाराज का बड़ा खुलासा. स्थान, भोजन, संगति और जल के महत्व को समझकर पाएं मानसिक शांति और सकारात्मकता.

By Pratishtha Pawar | November 20, 2025 9:20 AM

Premanand Ji Maharaj Quotes:  अक्सर लोग पूछते हैं – मन में बुरे विचार क्यों आते हैं? भले ही हम कोशिश करें कि मन शांत रहे, लेकिन बिना वजह बेचैनी, नकारात्मकता और गलत विचार घेर लेते हैं. अपने प्रवचन में प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि इसके पीछे गहरे आध्यात्मिक और व्यावहारिक कारण शामिल होते हैं. स्थान, भोजन, जल और संगति – ये चार चीज़ें हमारी मानसिक अवस्था (Mental State) को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं.

Premanand Ji Maharaj के अनुसार मन में बुरे विचार आने के कारण क्या है?

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, हमारे मन की स्थिति पर चार मुख्य बातें असर डालती हैं:
स्थान की ऊर्जा
भोजन का भाव और गुणवत्ता
संगति
जल का महत्व

आप सोच भी नहीं सकते – मन में बुरे विचारों के पीछे छुपे ये कारण

Causes of negative thoughts

1. गलत स्थान का प्रभाव

महाराज जी कहते है कि -ऐसी जगहें जहां खड़े रहने, देखने या बोलने भर से स्वभाव का नाश हो जाए… उन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए.
स्थान का कंपन और ऊर्जा (Vibration and Energy) व्यक्ति की सोच को बदल देते हैं. नकारात्मक स्थान मन को अशांत करते हैं.

2. भोजन का भाव और गुणवत्ता के बारें में प्रेमानंद जी महाराज के विचार

भोजन सिर्फ शरीर नहीं, मन पर भी असर करता है. वो कहते है ना कि जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन तो याद रखें कि जिस भोजन को नकारात्मक भाव से पकाया जाए, वह मन में कलुषता भर देता है.
इसलिए भोजन को हमेशा प्रेम, शुद्धता और सकारात्मकता के साथ तैयार करना चाहिए.

3. शरीर में जल का महत्व

महाराज जी बताते हैं कि जैसे जल होगा, वैसा ही मन भी बनेगा. पवित्र और स्वच्छ जल मानसिक शांति और स्पष्टता लाता है.

4. संगति और समुदाय

जिस समाज, मोहल्ले में आप रहते हैं उसी का प्रभाव आप पर पड़ेगा. संगति खराब हो तो मन भी बंध जाता है. अच्छी संगति मन को ऊपर उठाती है, जबकि गलत संगति मन को नीचे खींचती है.

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार शांति कैसे पाएं?

प्रेमानंद जी महाराज का समाधान सरल है –
यदि मन अत्यंत व्याकुल हो जाए तो नाम-स्मरण शुरू कर दो… पूर्ण शांति मिल जाएगी. परेशानी, नकारात्मकता या बेचैनी के क्षणों में नाम जप, परिक्रमा और सत्संग मन को तुरंत स्थिर और शांत कर देते हैं.

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