Health News : सफेद चावल Diabetes मरीजों के लिए क्यों इतना खतरनाक? जानें अध्ययन में और क्या हुआ खुलासा

White Rice, Diabetes, Health news, Latest Study : पहले की भी कई स्टडी (diabetes research) कहती है कि सेहत कारणों से सफेद चावल (safed chawal ke nuksan) को एक उम्र के बाद छोड़ देना चाहिए. उसके जगह ब्राउन राइस (Brown Rice) का सेवन करना चाहिए. डायबिटीज और सफेद चावल (white rice and diabetes) को लेकर हाल में भी एक अध्ययन किया गया है. जिसके अनुसार इसके सेवन से मधुमेह का खतरा (diabetes risk) और बढ़ सकता है. यह शोध करीब 21 देशों में 1,30,000 से ज्यादा वयस्कों पर किया गया है. इसके अलावा भी अध्ययन में कई और बातें सामने आयी है, आइये जानते हैं...

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2020 10:20 AM

White Rice, Diabetes, Health news, Latest Study : पहले की भी कई स्टडी (diabetes research) कहती है कि सेहत कारणों से सफेद चावल (safed chawal ke nuksan) को एक उम्र के बाद छोड़ देना चाहिए. उसके जगह ब्राउन राइस (Brown Rice) का सेवन करना चाहिए. डायबिटीज और सफेद चावल (white rice and diabetes) को लेकर हाल में भी एक अध्ययन किया गया है. जिसके अनुसार इसके सेवन से मधुमेह का खतरा (diabetes risk) और बढ़ सकता है. यह शोध करीब 21 देशों में 1,30,000 से ज्यादा वयस्कों पर किया गया है. इसके अलावा भी अध्ययन में कई और बातें सामने आयी है, आइये जानते हैं…

दरअसल, यह शोध हैमिल्टन हेल्थ साइंसेज, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी समेत अन्य संस्थानों ने मिलकर किया है. जो हाल में डायबिटीज हेल्थ जर्नल के सिंतबर के अंक में प्रकाशित हुआ था. आपको बता दें कि अध्ययन से यह भी पता चला है कि डायबिटीज का खतरा ज्यादातर दक्षिण एशियाई देशों में होता है. जिनमें एशिया, उत्तर और दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप के देश शामिल हैं. इसके अलावा भारत, चीन, ब्राजील भी इन देशों में शामिल हैं. डायबिटीज में सफेद चावल सेवन से से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

क्यों चावल डायबिटीज मरीजों के लिए खतरनाक

शोधकर्ताओं की मानें तो व्हाइट राइस, मील का चावल होता है. अर्थात इसका प्रोसेसिंग कर दिया जाता है यानि इसमें से भूसी और ऊपर का हिस्सा हटा दिया जाता है. इसके बाद इसे चमकदार बनाने के लिए पॉलिसिंग भी की जाती है ताकि इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सके और ज्यादा दामों में बेचा जा सके. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में इसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे विटामिन बी समेत अन्य भी हट जाते हैं. यही कारण है कि सेहत बनाने वाला चावल सेहत को नुकसान पहुंचाने लगता है.

कैसे हुआ ये अध्ययन ?

इसमें मौजूद विटामिन बी-1 की मात्रा को प्रोसेसिंग करने के बाद यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ बन जाता है. अगर आंकड़ों की मानें तो कोरोना के बाद दुनिया भर में सबसे अधिक विश्व भर में डायबिटीज के ही पेशेंट मिलेंगे. करीब 42.5 करोड़ लोगों को यह बीमारी है. जो 2045 तक बढ़कर 62.9 करोड़ लोग हो जायेंगे. 2012 के अध्ययन में पाया गया था कि सफेद चावल डायबिटीज के खतरा को 11 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है.

कहां-कहां हुआ अध्ययन

इस अध्ययन में सिंगापुर, अर्जेंटीना, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान, मलेशिया, फिलिस्तीन, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, पोलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, स्वीडन, तंजानिया, और जिम्बाब्वे देश शामिल थे.

किस उम्र के लोग अध्ययन में थे शामिल

अध्ययन में कुल 21 देश के 1,32,373 लोग शामिल थे. जिनकी उम्र 35 से 70 वर्ष के बीच थी. इनमें 6,129 लोग अध्ययन के दौरान मधुमेह बीमारी के शिकार हो गये. इस स्टडी के दौरान प्रति व्यक्ति चावल की खपत 128 ग्राम से 630 ग्राम तक थी. जिनमें दक्षिण पूर्व एशिया में 239 ग्राम, चीन में 200 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन और दक्षिण एशिया देशों में प्रति दिन 630 ग्राम चावल की खपत हो रही थी.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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