Shahid Kapoor की एक्ट्रेस को हुई गंभीर बीमारी, Prosopagnosia से पीड़ित हुईं Shenaz Treasurywala

Shenaz Treasurywala suffering from prosopagnosia or face blindness: एक्ट्रेस शहनाज ट्रेजरीवाला प्रोसोपैग्नोसिया नामक बीमारी से जूझ रही हैं. प्रोसोपैग्नोसिया एक तरह की मानसिक समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति लोगों की पहचान करने में सक्षम नहीं हो पाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2022 3:25 PM

2003 में रिलीज हुई फिल्म इश्क विश्क से चर्चा में आईं एक्ट्रेस शहनाज ट्रेजरीवाला गंभीर बीमारी से पीड़ित हुईं हैं. आपको बता दें एक्ट्रेस प्रोसोपैग्नोसिया नामक बीमारी से जूझ रही हैं. कल ही एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर करते हुए बताया कि वो प्रोसोपैग्नोसिया से ग्रस्त हैं.

सोशल मीडिया पर शहनाज ट्रेजरीवाला ने लिखी ये बात

शहनाज ट्रेजरीवाला ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, ‘मुझे प्रोसोपैग्नोसिया 2 डायग्नोस किया गया.अब, मैं समझ रही हूं कि मैं चेहरे क्यों नहीं पहचान पाती.यह एक संज्ञानात्मक विकार है.मुझे हमेशा शर्म आती थी कि मैं चेहरे पहचान पाती.मैं आवाजों को पहचानती हूं.’ एक्ट्रेस ने बताया कि इसे फेस ब्लाइंडनेस (Face Blindness) भी कहते हैं.

क्या है प्रोसोपैग्नोसिया (What is Prosopagnosia)

प्रोसोपैग्नोसिया एक तरह की मानसिक समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति लोगों की पहचान करने में सक्षम नहीं हो पाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति को अनजान या ज्ञात चेहरों को याद रखने की क्षमता नहीं होती है. ऐसे में कई बार सामने वाले व्यक्ति को लगता है कि वह उसे इग्नोर कर रहा है या फिर जान कर ऐसा कर रहा है. यह काफी दुर्लभ स्थिति है. इस तरह की समस्या लगभग दो प्रतिशत लोगों में देखी गई है.

प्रोसोपैग्नोसिया के कारण (Prosopagnosia Causes)

मस्तिष्क के फ्यूजीफॉर्म गाइरस (Fusiform Gyrus) हिस्से में किसी तरह की समस्या, क्षति या फिर चोट लगने की वजह से प्रोसोपैग्नोसिया होने का खतरा रहता है. इस तरह की समस्या में टेम्पोरल लोब (Temporal Lobe) का एक हिस्सा प्रभावित होता है. मस्तिष्क के इस हिस्से का इस्तेमाल चेहरे को याद करने के लिए किया जाता है. ध्यान रखें कि यह स्थिति मेमोरी लॉस, ब्लाइंडमेड या किसी अन्य विकलांगता की वजह से नहीं होता है.

प्रोसोपैग्नोसिया के लक्षण (Prosopagnosia Symptoms )

चेहरा याद न रहना प्रोसोपैग्नोसिया का आम लक्षण है. इसके अलावा कई बार ऐसे व्यक्ति के लिए चेहरों के बीच अंतर करना मुश्किल हो सकता है.

इस समस्या सेगंभीर रूप से प्रभावित व्यक्तियों में ऐसे लोगों को पहचानने की भी क्षमता नहीं रह जाती है, जिनसे वो रोज मिल रहा होता है जैसे- परिवार के सदस्य, सहकर्मी, पड़ोसी आदि.

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