Pfizer ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर शुरू किया कोरोना वैक्सीन का परीक्षण, …जानें कब तक आ सकती है वैक्सीन?

Pfizer, Corona vaccine, 12 years : वाशिंगटन : अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर इंक और बायोनटेक एसई ने 12 साल के कम उम्र के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है. कंपनी ने उम्मीद जतायी है कि अगले साल की शुरुआत में बच्चों के लिए भी कोरोना की वैक्सीन आ जायेगी. फाइजर प्रवक्ता शेरोन कैस्टिलों के मुताबिक, बुधवार को पहले वॉलंटियर को कोरोना की वैक्सीन दी गयी थी. मालूम हो कि अमेरिका में 16 साल या ऊपर के लोगों को फाइजर की कोरोना वैक्सीन दी जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2021 10:41 AM

वाशिंगटन : अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर इंक और बायोनटेक एसई ने 12 साल के कम उम्र के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है. कंपनी ने उम्मीद जतायी है कि अगले साल की शुरुआत में बच्चों के लिए भी कोरोना की वैक्सीन आ जायेगी. फाइजर प्रवक्ता शेरोन कैस्टिलों के मुताबिक, बुधवार को पहले वॉलंटियर को कोरोना की वैक्सीन दी गयी थी. मालूम हो कि अमेरिका में 16 साल या ऊपर के लोगों को फाइजर की कोरोना वैक्सीन दी जा रही है.

फाइजर से पहले मॉर्डना ने भी अमेरिका में बच्चों पर कोरोना वक्सीन का ट्रायल शुरू किया है. इस अभियान को ‘किड-कोव’ का नाम दिया गया है. अभियान के तहत छह माह से 11 साल के 6750 बच्चों को परीक्षण के लिए निबंधित किया गया है. कोरोना वैक्सीन के संपर्क में आने पर बच्चों की सुरक्षा करने की क्षमता विकसित करने में वैक्सीन कितना कारगर है, इसका पता लगाने में मॉर्डना जुटी है.

अमेरिकी न्यूज एजेंसी सीएनएन के मुताबिक, बच्चों में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल दो फेज में हो रहा है. पहले फेज में बच्चों पर अलग-अलग खुराक का इस्तेमाल किया जायेगा. छह माह से एक साल के बच्चों को 28 दिनों के अंतराल पर 25, 50 और 100 माइक्रोग्राम की खुराक दी जायेगी. जबकि, दो से 11 साल के बच्चों को 50 और 100 माइक्रोग्राम की खुराक दी जायेगी.

बताया जाता है कि बच्चों को दो खुराक देने के बाद 12 माह तक स्वास्थ्य की निगरानी की जायेगी. फाइजर के ट्रायल के पहले फेज में 144 बच्चे भाग ले रहे हैं. इसके बाद कंपनी की योजना 4500 बच्‍चों को वैक्सीन देने की है. वैक्सीन देने के बाद कंपनी बच्‍चों में सुरक्षा, वैक्सीन के सहने की क्षमता और वैक्‍सीन से पैदा हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच करेगी.

मालूम हो कि भारत में बच्चों के लिए वैक्सीन की तैयारी की जा रही है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अक्तूबर तक वैक्सीन लाने की तैयारी कर रही है. यह वैक्सीन बच्चों को जन्म लेने के एक माह के भीतर ही लगायी जायेगी. वहीं, भारत बायोटेक भी पांच वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों पर ट्रायल की तैयारी कर रही है.

इंडियन एकेडमी फॉर पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोरोना संक्रमित बच्चों में मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम के दो हजार से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं. इनमें बुखार का असर हर्ट, लंग और ब्रेन पर हो रहा है. इसमें आंखों का लाल होना, रैशेज, लो ब्लड प्रेशर, तेज बुखार, पेट में दर्द और सांस लेने में परेशानी के लक्षण मिले हैं. इसीलिए कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर विशेषज्ञ बच्चों को स्कूल जाने से बचने की सलाह दे रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version