क्या है Delta Plus Variant के Symptoms और बचाव के उपाय, किन्हें कर रहा संक्रमित, Corona Vaccine इसपर प्रभावी है या नहीं, जानें सबकुछ

Coronavirus Delta Plus Variant Symptoms, Treatment, Cases, Covid Vaccine: भारत में एकबार फिर कोरोना का खतरा सताने लगा है. डेल्टा प्लस वैरिएंट के रूप में इस बार कोरोना की तिसरी लहर आने के संकेत मिल रहे है. डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 48 केस मिले हैं. इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में 20 संक्रमित पाए गए है. तो आइये जानते हैं इस डेल्टा प्लस वायरस के क्या लक्षण, सबसे पहला कहां पाया गया, भारत में कितना फैल चुका है, वैक्सीन इस पर प्रभावी है कि नहीं, क्या है बचाव के उपाय....

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2021 11:12 AM

Coronavirus Delta Plus Variant Symptoms, Treatment, Cases, Covid Vaccine: भारत में एकबार फिर कोरोना का खतरा सताने लगा है. डेल्टा प्लस वैरिएंट के रूप में इस बार कोरोना की तीसरी लहर आने के संकेत मिल रहे है. डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 48 केस मिले हैं. इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में 20 संक्रमित पाए गए है. तो आइये जानते हैं इस डेल्टा प्लस वायरस के क्या हैं लक्षण? यह सबसे पहला कहां पाया गया? यह वैरिएंट भारत में कितना फैल चुका है? वैक्सीन इस पर प्रभावी है या नहीं? क्या हैं इस वैरिएंट से बचाव के उपाय?

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट

भारत में सबसे पहले डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड बुलेटिन में छापा गया था. विशेषज्ञों की मानें तो यह नया वैरिएंट डेल्टा या B.1.617.2 वैरिएंट के म्यूटेशन के बाद बना है. जिसे डेल्टा प्लस (AY.1) भी कहा जा रहा है. दरअसल, डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण यह डेल्टा प्लस वैरिएंट में तब्दिल हो चुका है. विशेषज्ञों के अनुसार यह पहले के वैरिएंट के मुकाबले और संक्रामक है, जो लोगों को तेजी से संक्रमित कर सकता है. हालांकि, वैज्ञानिक लगातार इसके प्रभाव को जानने में लगे हुए है.

भारत में कितना पांव पसार चुका है यह वैरिएंट

भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 48 नए मामले सामने आए हैं. इसमें 20 महाराष्ट्र में, 9 तमिलनाडु में, 7 मध्यप्रदेश में, तीन केरला और दो-दो पंजाब और गुजरात में पाए गए है. जबकि, एक-एक केस आंध्रप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू और कनार्टक में भी पाए गए हैं.

सबसे पहले कहां पाया गया डेल्टा प्लस वैरिएंट

अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यह वैरिएंट पहली बार मार्च में यूरोप में पाया गया था, तब से वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं. हालांकि, यह जून में लोगों की नजर में आया है. इन्फ्लूएंजा वायरस के जीनोमिक डाटा इक्टठा करने वाली संस्था GISAID ने ही सबसे पहले K417N स्पाइक प्रोटीन के साथ म्यूटेंट किए इस वैरिएंट के 63 जीनोम की पहचान की थी. जिसे 7 जून को पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) की रिपोर्ट में छापा गया था.

दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के क्लिनिक्ल और कम्प्यूटेशनल बॉयोलॉजिस्ट डॉ. स्कारिया की मानें तो K417N म्यूटेशन बीटा या B.1.351 वैरिएंट में भी पाया जा रहा है. उन्होंने इस वैरिएंट को चिंता का विषय माना.

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भारत के अलावा और कहां पाए गए ये वैरिएंट

भारत के अलावा, डेल्टा प्लस वैरिएंट यूके, यूएस, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, नेपाल, पोलैंड, चीन और रूस में भी पाया गया है.

डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण

  • स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो डेल्टा प्लस पहले वाले वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है.

  • यह फेफड़े की कोशिकाओं में पहले की तुलना में ज्यादा मजबूती से चिपक सकता है.

  • फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.

  • यह हमारे इम्यूनिटी को कमजोर भी कर सकता है और उसे चकमा भी दे सकता है.

  • इसकी चपेट में आने वालों में गंभीर रूप से खांसी, जुकाम और कोल्ड देखने को मिली है.

  • इससे सिरदर्द, गले में खराश, नाक बहना जैसे आम लक्षण तो संभव हैं ही.

  • बाकी लक्षण विशेषज्ञ लगातार जानने में जुटे हुए. उनका मानना है कि केस के बढ़ने के साथ लक्षण और सामने आ सकते हैं.

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डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे बचें

  • भारत सरकार डेल्टा प्लस वैरिएंट को चिंता के प्रकार (Variant Of Concern) के रूप में देख रही है.

  • अत: जरूरत न हो तो घर से बाहर न जाएं

  • अगर बहुत जरूरी हो तो मास्क पहन कर ही निकलें, कोशिश करें डबल मास्क पहनें.

  • बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करें, 6 फीट की दूरी बनाएं रखें

  • दिन भर में कई बार हाथों को 20 सेकेंड के लिए साबुन से धोना न भूलें

  • घर या अपने आसपास को स्वच्छ रखें, नियमित रूप से डिसइंफेक्ट करते रहें

  • बाहर से कोई समान मंगवा रहे तो उसे भी डिसइंफेक्ट करके ही इस्तेमाल करें

  • सामूहिक कार्यक्रम न करें

  • टेस्टींग को देश में और बढ़ाना होगा

  • वैक्सीनेशन की संख्या भी बढ़ानी होगी

वैक्सीन डेल्टा प्लस वैरिएंट पर प्रभावी है या नहीं?

भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोविड के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा जैसे सभी वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार, एस्ट्राजेनेका और फाइजर बायोएनटेक द्वारा सामूहिक रूप से बनाए गए कोविड वैक्सीन भी डेल्टा और कप्पा वैरिएंट के खिलाफ व्यापक रूप से कार्य करता है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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