कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ काम करते हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन : बलराम भार्गव

ICMR, Balram Bhargava, Covishield, Covaxin : नयी दिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना वायरस के सार्स कोव-2, अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भारत में निर्मित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन काम करते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2021 6:11 PM

नयी दिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भारत में निर्मित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन काम करते हैं.

उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट दुनिया के 12 देशों में मौजूद है. भारत में भी 48 मामलों की पहचान की गयी है. हालांकि, इनमें सबसे महत्वपूर्ण बात है कि ये बहुत स्थानीयकृत हैं. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस पर वैक्सीन के प्रभाव की जांच के लिए प्रयोगशाला परीक्षण चल रहे हैं.

आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि आरएनए वायरस का उत्परिवर्तन एक सामान्य घटना है. इसकी बेहतर समझ के लिए नियमित रूप से निगरानी की जाती है. इनमें रोग संचरण, नैदानिक ​​गंभीरता, पुन: संक्रमण / प्रतिरक्षा से बचना, वैक्सीन प्रभावकारिता और उपलब्ध निदान परीक्षण शामिल हैं.

वहीं, बलराम भार्गव ने छोटे बच्चों को वैक्सीन दिये जाने पर कहा कि बच्चों को वैक्सीन देने के पहले जब तक हमारे पास अधिक डेटा नहीं होगा, बड़े पैमाने पर बच्चों का वैक्सीनेशन करने की स्थिति में हम नहीं होंगे. दो साल से 18 साल के बच्चों को लेकर स्टडी शुरू की गयी है. सितंबर के आसपास नतीजे आने की उम्मीद है.

मालूम हो कि देश में 25 जून तक कुल 30.79 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. इनमें 1.74 करोड़ खुराक स्वास्थ्यकर्मियों, 2.65 करोड़ खुराक फ्रंटलाइन वर्कर, 18.76 करोड़ खुराक 45 साल से ऊपर के लोगों और 7.64 करोड़ खुराक 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को दी जा चुकी है.

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