COVID 19 की रोकथाम में कारगर हैं ये मास्क जानें इनकी खूबी और सीमाएं…

COVID 19 These masks are effective in preventing coronavirus know their strengths and limitations : COVID 19 के दौर में मास्क बचाव के सबसे कारगर हथियार के रूप में सामने आया है. डॉक्टर्स भी इस बात की सलाह दे रहे हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि आज बाजार में कई तरह के मास्क उपलब्ध हैं, ऐसे में आम लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उनके लिए कौन सा मास्क सबसे बेहतर है और जो उनकी कोरोना वायरस से रक्षा कर सकता है.

By Rajneesh Anand | June 25, 2020 4:56 PM

COVID 19 के दौर में मास्क बचाव के सबसे कारगर हथियार के रूप में सामने आया है. डॉक्टर्स भी इस बात की सलाह दे रहे हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि आज बाजार में कई तरह के मास्क उपलब्ध हैं, ऐसे में आम लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उनके लिए कौन सा मास्क सबसे बेहतर है और जो उनकी कोरोना वायरस से रक्षा कर सकता है.

अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्‌यूट फॉर अॅाक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ ने मास्क को तीन कैटेगरी में विभाजित किया है. जिनके प्रतीक के रूप में एन, आर और पी शब्द का प्रयोग किया जाता है. एन का अर्थ है- यह मास्क डॉपलेट से सुरक्षा तो करता है, लेकिन यह तेल में कारगर नहीं है. जबकि आर कैटेगरी के मास्क तेल में भी कारगर हैं, लेकिन यह मास्क सिर्फ आठ घंटे काम करता है और इसका प्रयोग दोबारा नहीं किया जा सकता है. पी श्रेणी के मास्क में भी यही बात लागू होती है कि इसे दोबारा इस्तेमाल करने में समय सीमा का ध्यान रखना होता है.

डॉक्टर्स के अनुसार एन-95 मास्क को कोरोना वायरस से बचाव के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. एन-95 मास्क की खूबी यह है कि यह 0.3 व्यास वाले सूक्ष्म कणों को भी श्वास में जाने से रोकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ड्रॉपलेट फॉर्म में कोरोना वायरस का आकार 0.5 से भी बड़ा होता है, इसलिए यह मास्क कोरोना वायरस से बचाव में सबसे उपयुक्त होता है.

एन-95 और केएन-95 मास्क 0.3 व्यास वाले सूक्ष्म कणों को 95 प्रतिशत तक रोकते हैं. एन-95 मास्क का निर्माण अमेरिका में हुआ है, जबकि केएन 95 मास्क चीन की देन है. केएन 95 मास्क को फिटनेस टेस्ट कराना होता है, जबकि केएन 95 मास्क के साथ ऐसा नहीं है. एन-95 मास्क सांस लेने और छोड़ने में केएन-95 से ज्यादा सुविधाजनक है. एन-99 मास्क इस बात का दावा करता है कि वह एयरबॉर्न सूक्ष्म कणों को 99 प्रतिशत तक रोकता है, हालांकि तैलीय कणों को रोकने में यह मास्क सक्षम नहीं है, क्योंकि वे फिसलते हैं.

यह तो बात हुई एन-95 और केएन-95 की. लेकिन सामान्य और सर्जिकल मास्क भी कोरोना वायरस के इंफेक्शन से हमें बचा सकता है. अगर कोविड 19 का मरीज और उसके संपर्क में आने वाले लोग दोनों ही मास्क लगाकर रखें, तो इंफेक्शन की आशंका की संभावना बहुत कम होती है. हालांकि इस बात का दावा तो नहीं किया गया है कि कपड़े के मास्क या सर्जिकल मास्क से कोविड 19 में कितना बचाव होता है.

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मास्क पहनते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि आपका हाथ साफ हो. मास्क पहनने से पहले हाथ साबुन से धो लें, उसके बाद मास्क पहनें. मास्क पहनते वक्त यह ध्यान दें कि आपके चेहरे और मास्क में ज्यादा गैप ना हो. अगर आपके पास मास्क ना हो तो किसी दुपट्टे या गमछे से भी मुंह को बांधा जा सकता है, ताकि इंफेक्शन फैलने की आशंका कम हो. कोरोना काल में कई डिजाइनर मास्क भी बाजार में उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग किया जा रहा है.

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