भारतीय वैक्सीन Covaxin को Hungary से मिला गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस सर्टिफिकेट, जानें क्या है इसके मायने

Corona Vaccine: भारतीय की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर एक अच्छी खबर आयी है. दरअसल, हंगेरियन ऑथोरेटिस (Hungarian Authorities) से कोवैक्सीन को गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) का प्रमाणपत्र मिला है...

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2021 11:05 AM

Corona Vaccine: भारतीय कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के निर्माण के लिए हंगेरियन ऑथोरेटिस (Hungarian Authorities) से गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) का प्रमाणपत्र भारत को दिया गया है. जिसके बाद अब भारत बायोटेक दुनिया भर के अन्य देशों में भी इमरजेंसी उपयोग के लिए अपना डाक्यूमेंट्स सबमिट कर सकता है.

EudraGMDP के डाटाबेस में अपलोड कोवैक्सीन का GMP Certificate

आपको बता दें कि कोवैक्सीन के निर्माण के लिए जीएमपी का प्रमाण पत्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी और न्यूट्रीशन हंगरी से दिया गया है. बड़ी बात यह है कि जीएमपी का यह प्रमाण पत्र अब यूड्राजीएमडीपी (EudraGMDP) के डाटाबेस में अपलोड है.

इस डाटाबेस में अपलोड होने का महत्व

इस डाटाबेस में कोवैक्सीन के निर्माण के लिए मिले प्रमाण पत्र का खास महत्व है. क्योंकि यह डाटावेस यूरोपीयन कम्यूनिटी के मैन्युफैक्चरिंग ऑथोराइजेशन और अच्छे मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिस के सार्टिफिकेट का डेटाबेस है.

आपको बता दें कि हंगरी की सरकार ने मई के अंत तक कोवैक्सीन के लिए 10 लाख खुराक की आपूर्ति के लिए भारत सरकार से संपर्क किया था. उम्मीद है कि इस प्रमाणपत्र से भारत के वैक्सीन का व्यापक रूप से निर्यात का मार्ग खुल जाएगा.

कोरोना के खिलाफ कितना प्रभावी है कोवैक्सीन

आपको बता दें कि Covaxin का निर्माण भारत बॉयोटेक द्वारा किया है. जिससे भारत में बड़ी मात्रा में लोगों को कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेट किया गया है. विशेषज्ञों की मानें तो यह वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से शरीर को सुरक्षा देने में 65.2 प्रतिशत कारगार है.

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3 फेज में क्लिनिकल ट्रायल के बाद बना कोवैक्सीन

इस वैक्सीन का निर्माण भारतीय वैज्ञानिकों ने 3 फेज में समाप्त किया था. सभी क्लिनिकल ट्रायल के बाद इसे प्रभावी पाया गया था. कोरोना के शुरूआती वैरिएंट में यह 77.8 प्रतिशत प्रभावी माना गया था.

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Posted By: Sumit Kumar Verma

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