शाहरुख खान की वेब सीरीज ‘Betaal’ मुश्किल में, लगा चोरी का आरोप

copyright infringement claim against shah rukh khan web series betaal: शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी वेब सीरीज 'बेताल (Betaal)' का ट्रेलर लॉन्च किया गया था. इसकी जमकर तारीफ हो रही है. 24 मई को नेटफिलिक्स पर रिलीज किया गया जिसमें विनीत कुमार और अहाना कुमार लीड रोल में नजर आए थे.

By Budhmani Minj | May 25, 2020 12:21 PM

शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी वेब सीरीज ‘बेताल (Betaal)’ का ट्रेलर एक हफ्ते पहले ही रिलीज किया गया था. इसकी जमकर तारीफ हो रही है. 24 मई को नेटफिलिक्स पर रिलीज किया गया जिसमें विनीत कुमार और अहाना कुमार लीड रोल में नजर आए थे. इसे पॉजिटिव रिस्‍पांस मिल रहा है. लेकिन किंग खान का यह वेब शो विवादों में घिरता नजर आ रहा है.

दरअसल, इस वेब सीरीज को लेकर दो मराठी राइटर्स ने दावा किया है कि यह कहानी उनकी है. जिसे वह पहले ही स्क्रीन राइटर्स एसेसिएशन में रजिस्टर करा चुके हैं. उन्‍होंने शाहरुख खान की इस वेबसीरीज पर चोरी के आरोप लगाए हैं.

मराठी राइटर्स समीर वाडेकर और महेश गोस्‍वामी ने का कहना है कि यह कहानी उनकी फिल्म ‘वेताल’ से चुराई गई है. उन्होंने राइटर्स एसोसिएशन में शिकायत भी दर्ज कराई है. दोनों राइटर्स ने बताया कि वह अपनी फिल्म ‘वेताल’ की स्क्रिप्ट करीब 1 साल पहले ही रजिस्टर करा चुके थे. उन्‍होंने यह भी बताया कि जुलाई 2019 में उनकी इस फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो गई थी.

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दोनों राइटर्स का दावा है कि रेड चिलीज ने सिर्फ उनकी फिल्म की कहानी चुराई है बल्कि उनके बहुत से सीन भी चोरी कर लिए है. फिलहाल हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. हालांकि कोर्ट ने अभी शो पर स्टे नहीं लगाया है. बता दें कि विनीत ‘मुक्केबाज’ में भी नजर आ चुके हैं.

क्‍या है बेताल की कहानी

‘बेताल’ (Betaal Review) की कहानी एक आदिवासी गांव की है. यहां एक गुफा है जिसके अंदर बेताल रहता है. गांव वाले किसी तरह से उस बेताल को शांत रखे हुए हैं. यह बेताल कोई नहीं ब्रिटिश सेना का एक अंग्रेज अफसर है और उसकी सेना है. इस बीच इलाके में विकास कार्य शुरू हो जाता है और एक बटालियन बुलाकर गांव वालों को रास्ते से हटाया जाता है. वे इस गुफा को तोड़ने का फैसला करता है. लेकिन इसी चक्कर में बेताल आजाद हो जाता है. बस यहीं जॉम्बी नजर आते हैं. सुरंग के भीतर सन 1857 की फौज की जिंदा लाशें (जॉम्बीज) हैं. कहानी आगे बढ़ती जाती है और खतरनाक मोड़ लेती है.

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