richa chadha ने कहा माधुरी और रानी के बाद किसी अभिनेत्री में वह ग्रेस नहीं दिखता है जानिए क्यों

हीरामंडी  द डायमंड बाजार में लज्जो की भूमिका को ऋचा चड्ढा अपने  अब तक के कैरियर का बेस्ट परफॉरमेंस करार देती हैं.उनके इस किरदार से जुडी चुनौतियों, उनकी प्रेगनेंसी सहित कई अन्य पहलुओं पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत

By Urmila Kori | May 9, 2024 5:46 PM

संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज हीरामंडी  द डायमंड बाज़ार इनदिनों स्ट्रीम कर रही है .मल्टीस्टारर इस वेब सीरीज में अभिनेत्री रिचा चड्ढा लज्जो की अहम भूमिका निभाती नज़र आ रही हैं. रिचा कहती हैं कि वह इंडस्ट्री से नहीं हैं . मुंबई से भी नहीं हैं. हर आउटसाइडर की तरह भंसाली की अभिनेत्री बनने का उनका भी सपना था .रामलीला में उन्होंने उनके साथ काम किया था ,लेकिन उस किरदार में  हीरोइन वाली बात नहीं थी .इस बार भंसाली सर ने उन्हें कोरियोग्राफ भी किया है और यह उनके अब तक के कैरियर का बेस्ट परफॉरमेंस है .उनके इस किरदार,प्रेगनेंसी पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत

प्रेगनेंसी और हीरा मंडी के  प्रमोशन को किस तरह से मैनेज कर रही हैँ?

मैं लगातार कम कर रही हूं कभी प्रोडक्शन का काम है,कभी प्रमोशन का काम है.सच कहूंगी थकान हो रही है. एक बार यह सीरीज रिलीज हो जाए उसके बाद कुछ दिनों काम करके मैं थोड़े समय के लिए  ब्रेक लूंगी और फिर अपने प्रेगनेंसी को पूरी तरह से एंजॉय करो.अच्छी किताबें पढ़ूंगी अच्छे म्यूजिक सुनेगी. जो लोग बोलते हैं कि जब बच्चा पेट में हो तो यह सुनना चाहिए यह करना चाहिए.वह सब भी करूंगी. मैटरनिटी योग पर भी ध्यान देना शुरू करूंगी. शुरू में मैंने शुरू किया था,लेकिन हेक्टिक शेड्यूल की वजह से छूट गया था, लेकिन अब मैं जल्दी फिर से उसे कंटिन्यू करना चाहूंगी.

प्रेग्नेंट हो तो ये करें ये ना करें, आप इन बातों को कितना मान रही हैँ?

अपनी मम्मी की बात मानती हूं, लेकिन मेरी मम्मी बहुत चिल है वह कभी भी मुझे नहीं कहती कि आप यह करो .यह मत करो. मेरी मम्मी खुद दो बच्चों की मां होकर कभी भी काम नहीं छोड़ा. पिछले साल ही वह रिटायर हुई है. मैं उनको देखा था,जब मेरा छोटा वाला भाई पैदा हुआ था.उसके एक महीने बाद ही वह अपने काम पर वापस चली गई थी. बहुत अच्छे से उन्होंने अपने काम और घर को मैनेज किया है. बहुत अच्छे से उन्होंने हमें बड़ा भी किया है, तो मुझे लगता है कि यह सारी चीज आप अपने घर की परवरिश से ही सीखते हो. मेरी मां न्यूट्रिशंस पर ध्यान रखना को कहती हैं. जो दूसरी आंटी होती है, जो कहती हैं की डिलीवरी के बाद गोंद के लड्डू खाना. यह सब खाना. मैं वह भी सुनूंगी.


इस दौरान अली आपका किस तरह से ख्याल रख रहे हैँ? 

कभी-कभी यकीन नहीं होता है कितना प्यारा सा आदमी मेरी जिंदगी में है. जो इतना ख्याल रख रहा है. करियर में भी हेल्प कर रहा है.हॉल में मेरे लिए ताली भी बज रहा है. हीरा मंडी की स्क्रीनिंग के बाद वह बहुत ही इमोशनल हो गया था. पार्टनर ऐसा ही होना चाहिए जो आपकी ग्रोथ को  इंजॉय करें. अली वैसे हमेशा से बहुत केयरिंग है, लेकिन इन दिनों  वह इस बात का भी ध्यान रखता है कि मेरे आसपास बहुत ही शांति वाला माहौल हो. 

 रेखा जी के साथ आपका वीडियो बहुत वायरल हुआ है,क्या उन्होंने उस दौरान आपको कहा था  ? 

हम लोग हीरा मंडी की स्क्रीनिंग देखकर निकल रहे थे. असल में मैं उनके पास फोटो खिंचवाने के लिए गई थी. मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं, तो मुझे लगा कि एक फोटो तो उनके साथ होनी चाहिए. जब वह मेरा हाथ पकड़ रही थी तो उन्हें मेरा पेट फील हुआ.चूंकि उस वीडियो में ऑडियो नहीं है,इसलिए लोगों को पता नहीं है कि हमारे बीच क्या बातें हो रही है. मैंने उन्हें बताया कि मैं 7 महीने की प्रेग्नेंट हूं. वह बहुत खुश हो गई और बहुत प्यार से मिली. मुझे और मेरे होने वाले बच्चे को बहुत सारी दुआएं दी. बताना चाहूंगी कि मैंने अपने माता-पिता को भी वह वीडियो दिखाया.वह बहुत खुश हो गए थे.

हीरामंडी में लज्जो का किरदार किस तरह से आप तक पहुंचा ?

मैं बताना चाहूंगी पहले भंसाली  सर इस शो के शो रनर  और क्रिएटर थे. कोई और इस सीरीज को निर्देशित कर रहा था. पहले जो मुझे रोल ऑफर किया गया था. मुझे लगा नहीं था कि उसमें वो वाली बात है. वो वाली का बात का मतलब है कि उस किरदार में मेरे लिए नया करने को कुछ नहीं था, मैंने उन्हें कहा था कि सर अगली बार काम करेंगे. उन्होंने कुछ टाइम बाद फिर मुझे कॉल किया और कहा कि मैं ही तुमको निर्देशित करूंगा और तुम्हारे लिए यह नया किरदार होगा. पहले वाला जो किरदार था. उसमें ग्रे शेडस बहुत ज्यादा थे. मैं वैसा बहुत बार परदे पर कर चुकी हूं. यहां नाच गाना, गानों की लिप्सिंग करना यह सब मैंने कहीं कभी नहीं किया था . गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में तार बिजली से पतले पिया पर लीप्सिंग की थी,लेकिन ५५ की उम्र को दर्शाते हुए तो वह बिल्कुल अलग अनुभव था .वो भी भंसाली सर मुझे फेमिनिन तरीक़े से पेश कर रहे हैं ,इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी .

किरदार के लिए आपकी क्या तैयारियां थी ?

आजकल का कुछ नहीं देखा  है .मुझे नहीं लगता कि माधुरी दीक्षित और रानी मुखर्जी के बाद कोई ऐसी एक्ट्रेस है, जो आपको सेड्यूस भी कर ले और उसमें आपको  ग्रेस भी नजर आए.मैंने ४० ,५०और ६० के दशक  का काम देखा.भंसाली सर ने मेरे किरदार के ब्रीफ़ में मुझे मीना कुमारी का रेफरेंस पॉइंट दिया था . पाक़ीज़ा फिल्म मैंने कई बार देखी. इसके साथ ही रेखा जी,वहीदा रहमान ,वैजयंती माला की फ़िल्में देखी मुझे  लगता है कि जो लेवल के वह एक्टर थे. अभी वैसे एक्टर ना के बराबर है. जैसे आप मीना कुमारी को देखते हैं, तो आपको समझ में आ जाता है कि ऐसी कोई औरत अब नहीं है. इसको शायरी की भी समझ है. गाने की भी समझ है.कल्चर की भी समझ है. अगर मैं इनके  एक परसेंट भी करीब आ सकी तो मुझे लगेगा कि मैं अपनी मेहनत में कामयाब रही. यह मेरे अब तक के कैरियर का सबसे मुश्किल किरदार था. लज्जो शराब के नशे में डूबी रहती है .प्यार में वह उस मुक़ाम पर पहुंच गयी है ,जहां वह अपना अपमान भी मुस्कुराते हुए सह जाती है ,तो यह सब बहुत मुश्किल था .


भारी भरकम कॉस्ट्यूम और गहनों में शूटिंग करना कितना मुश्किल रहा  ?

 सच कहूं तो इन चीज़ों को अभी बहुत बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है . बीते दौर की अभिनेत्रियां बहुत ही मुश्किल हालात में शूटिंग करती थी . वैनिटी वैन नहीं होता था .एयर कंडीशनर नहीं रहता था,लेकिन वह रिहर्सल करके शूट करती थी।  चोटिल भी होती थी  लेकिन वह इसे अपने काम का हिस्सा मानती थी पब्लिसिटी का नहीं .
पर्दे पर अभिनेत्रियों को खूबसूरत दिखाने में संजय लीला भंसाली कोई सानी नहीं है ,हीरा मंडी से जुड़ते हुए क्या यह पहलू भी ज़ेहन में था ? कुछ सुपरफिशियल एक्ट्रेसेज होती हैं , जिनको लगता है कि भंसाली के साथ काम करेंगे,तो बहुत खूबसूरत पर्दे पर दिखाने का मौका मिलेगा लेकिन उनके साथ अनुभव सिर्फ इतना भर नहीं रहता है.आप एक एक्टर के तौर पर और परफेक्ट हो जाते हैं.आपको वह यक़ीन दे देते हैं कि आप ये भी कर सकते हैं .वैसे मैं बताना चाहूँगी कि अगर मुझे ग्लैमरस रोल ही करना था तो मैं कभी भी गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से अपनी शुरुआत नहीं करती थी. कई लोगों ने यह बात कही है कि अगर हम उसे वक्त आपकी जिंदगी में होते थे तो हम आपको वह फिल्म नहीं करने देते थे. मुझे लगता है लोग कुछ भी बोलते हैं.

सीरीज में कई महिला अभिनेत्रियां हैं, क्या कभी कॉम्पीटिशन की भावना भी हावी हो जाती थी? 

यह सब आदमी लोग की फैलाई हुई बातें हैं कि अगर तीन- चार अभिनेत्री साथ में काम कर रही है,तो उनके बीच कंपटीशन कैट फाइट यह सब होगा,जबकि ऐसा होता नहीं है. मैं बताना चाहूंगी  कि इस सीरीज के निर्देशक  निर्देशक संजय लीला भंसाली है। वह बहुत ही स्ट्रिक्ट डायरेक्टर है. आप उनके सेट पर ईगो लेकर नहीं जा सकते हैं.आपको मेहनत और समर्पण के साथ अपना किरदार करना है.सोनाक्षी के साथ मेरे सीननहीं हैं ,लेकिन ये ज़रूर कहूंगी कि इस सीरीज में उन्होंने बिलकुल अलग काम किया है . मनीषा जी के साथ मेरे सीन हैं ,उन्होंने कमाल कर दिया है .इस सीरीज के बाद आपको लगेगा कि उन्हें क्यों इतने कम मौके मिल रहे हैं ,जबकि वह कमाल की एक्ट्रेस हैं . संजीदा ने भी कमाल का परफॉर्म किया है .
निजी ज़िंदगी में आप कम्पेटिटिव है ? 

मैं मानती हूं  कि यह बहुत ही घिसी पीटी लाइन है कि मेरा कंपटीशन खुद से है,लेकिन यह जरूर है कि बहुत कम बार ऐसा होता है.जब सामने वाला आपको टक्कर देता है .एक एक्टर के तौर पर मैंने इरफ़ान जैसे उम्दा एक्टर्स को देखा था कि वह अपने हर किरदार से कुछ अलग करने की कोशिश करते थे . उनके लिए यही प्रतिस्पर्धा थी .

क्या आप असुरक्षा की भावना से गुजरती हैँ?

निश्चित तौर पर. एक उदाहरण में जवाब दूं,तो जब फुकरे में भोली पंजाबन का रोल हो.रोल तो बहुत अच्छा है .फिल्म भी 100 करोड़ कमाएगी,लेकिन उसके बाद क्या होता है कि भाई आपको ब्रांड की कैटेगरी में ब्लॉक कर देंगे .आपको मेकअप का ऐड नहीं मिलेगा. हेयर का ऐड नहीं मिलेगा .शैंपू का नहीं  मिलेगा .आसपास के लोग भी बोलते हैं टॉमबॉय का रोल है ,तो फिर आपको लेकर एक अलग धारणा लोगों को बीच बन जाएगी.यह सब चीज जो है.यह भी एक रियलिटी है. वह सब चीज भी सोचनी पड़ती है.उसके बाद भी एक्सपेरिमेंट करने  का रिस्क लेना पड़ता है. इन सबके बावजूद  मैं अपने करियर में बहुत ही एक्सपेरिमेंट करती आयी हूं. 
आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स

मेरी एक फिल्म जी 5 पर आएगी .डिलीवरी के बाद मेरा स्वास्थ्य अच्छा रहा तो मैं अक्टूबर में शूटिंग शुरू करना चाहूँगी.हमारे प्रोडक्शन की फ़िल्म पिंकी प्रॉमिस मैं अभिनय करने वाली हूँ .

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