Mastiii 4 Worldwide Box Office: वर्ल्डवाइड हिट या फुस्स? रितेश-विवेक-आफताब की रोमांटिक-कॉमेडी की कमाई देखकर पकड़ लेंगे माथा
Mastiii 4 Worldwide Box Office: ‘मस्ती 4’ ने 4 दिनों में भारत में महज 10.10 करोड़ कमाए. हिट फ्रैंचाइजी होने के बावजूद फिल्म का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा. ऐसे में आइए अब इसका वर्ल्डवाइड कलेक्शन बताते हैं.
Mastiii 4 Worldwide Box Office: विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदासानी और रितेश देशमुख स्टारर कॉमेडी फ्रैंचाइजी की नई फिल्म ‘मस्ती 4’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. मिलाप जावेरी के निर्देशन में बनी इस मूवी को लेकर दर्शकों में शुरुआत से ही काफी एक्साइटमेंट थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया.
इससे पहले मिलाप जावेरी की पिछली रिलीज ‘एक दीवाने की दीवानियत’ ने वर्ल्डवाइड 110.13 करोड़ कमाकर शानदार हिट दर्ज की थी, जिसके बाद ‘मस्ती 4’ से भी काफी उम्मीदें थीं. लेकिन बड़े पैमाने पर रिलीज हुई ‘120 बहादुर’ की टक्कर ने इस फिल्म की कमाई को काफी प्रभावित किया. ऐसे में आइए अब मस्ती 4 की वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट पर एक नजर डालते हैं.
मस्ती 4 वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
Sacnilk के आंकड़ों के अनुसार, फिल्म ने रिलीज के चार दिनों में भारत में 10.10 करोड़ रुपये का बिजनेस किया, जबकि इसका वर्ल्डवाइड कलेक्शन लगभग 14.75 करोड़ रुपये रहा. हिट फ्रैंचाइजी होने के बावजूद फिल्म का यह प्रदर्शन काफी निराशाजनक माना जा रहा है.
अब स्पिरिट में दिखेंगे विवेक ओबेरॉय
विवेक ओबेरॉय ने हाल ही में अपनी अगली फिल्म ‘स्पिरिट’ की शूटिंग शुरू होने की अनाउंसमेंट करते हुए मुहूर्त की तस्वीर शेयर की और लिखा, “आज से एक जबरदस्त सिनेमाई सफर शुरू हो रहा है क्योंकि स्पिरिट फ्लोर पर आ रही है. प्यार और शुक्रगुजारी के साथ, स्पिरिट्स को उड़ान भरने दें!”
आफताब शिवदासानी ने रितेश-विवेक संग बॉन्डिंग पर क्या कहा?
आफताब शिवदासानी ने अपने को-स्टार रितेश देशमुख और विवेक ओबेरॉय के साथ अपनी दोस्ती पर एक इंटरव्यू के दौरान खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि सेट पर तीनों के बीच शानदार केमिस्ट्री रहती है, लेकिन शूट खत्म होने के बाद उसी कनेक्शन को बनाए रखना हमेशा आसान नहीं होता.
आफताब ने कहा, “इंडस्ट्री का नेचर ही ऐसा है कि हर कोई अपने काम में बिजी रहता है. हमारा एक WhatsApp ग्रुप जरूर है, लेकिन टाइट शेड्यूल के कारण मिलना मुश्किल हो जाता है. इसमें कोई पर्सनल वजह नहीं है, बस वर्क कल्चर ऐसा है.”
