Aamir Khan ने ‘लाल सिंह चड्ढा’ के फ्लॉप होने पर पहली बार तोड़ी चुप्पी, बोले- मुझे बुरा लगता…

Aamir Khan ने 'लाल सिंह चड्ढा' की नाकामी और ट्रोलिंग पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है. वह बोले, "कोई ट्रोल अच्छी फिल्म को नहीं रोक सकता और बुरी फिल्म को कोई चला नहीं सकता."

By Sheetal Choubey | June 6, 2025 11:11 AM

Aamir Khan इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. फिल्म में जेनेलिया देशमुख भी लैड रोल में हैं. यह फिल्म 20 जून को सुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी. एक्टर इससे पहले साल 2022 में आई फिल्म टॉम हैंक्स की ‘फॉरेस्ट गम्प’ के रीमेक ‘लाल सिंह चड्ढा’ में नजर आए थे, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी थी. इसके साथ ही दर्शकों ने आमिर को बहुत ट्रोल भी किया था. अब 3 साल बाद एक्टर ने आमिर ने इसपर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने बॉयकॉट कल्चर और ट्रोलिंग पर खुलकर बात की है.

ट्रोलर्स पर क्या बोले आमिर खान?

बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में आमिर ने कहा, ”मुझे बुरा लगता है, जब लोग मुझे ट्रोल करते हैं. आखिरकार आप अपनी फिल्म पर इतनी मेहनत जो करते हैं. मगर जो शख्स आपकी फिल्म के बारे में बुरा-भला कह रहा है, उसे बस आपके और आपकी फिल्म के बारे में नेगेटिविटी फैलानी है. हो सकता है उसने आपकी फिल्म देखी ही ना हो या उसे उस विषय के बारे में कुछ पता ही ना हो. शायद यही वजह है कि हम उन्हें ट्रोल्स बुलाते हैं.”

ट्रोलिंग की वजह से नहीं फ्लॉप होती फिल्में

उन्होंने आगे कहा, ”ट्रोलिंग किसी भी तरह से बॉक्स ऑफिस पर असर नहीं डालती. कोई आदमी पैदा नहीं हुआ है जो अच्छी फिल्म को रोक सकता है. और कोई प्रोड्यूसर पैदा नहीं हुआ है, इस दुनिया में जो बुरी फिल्म को चला सकता है. ‘लाल सिंह चड्ढा’ बुरी तरह ट्रोल हुई. आपको लगता होगा शायद इस वजह से फिल्म नहीं चली. मगर गलत कह रहे हैं आप. सोचिए इसी तरह की ट्रोलिंग 3 Idiots या ‘दंगल’ के टाइम हुई होती. क्या लगता है? ट्रोलिंग वहां कुछ असर नहीं करती क्योंकि वो दोनों ही कमाल की फिल्में हैं. तो ट्रोलिंग कामयाब हुई या फिल्म नाकामयाब हुई? वो फिल्म होती है जो लोगों को पसंद नहीं आती.”

‘आप मुझे ट्रोल करिए…’

आमिर ने रियल ऑडियंस पर कहा, “अब मैं ट्रोलिंग से परेशान नहीं होता. आप मुझे ट्रोल करिए, मुझे कोई टेंशन नहीं. मैं बस इस चीज़ के लिए परेशान रहूंगा कि मैंने अपना काम ठीक से किया या नहीं, फिल्म अप-टू मार्क बनी या नहीं.”

“मैं रियल ऑडियंस पर फोकस करता हूं. जैसे जिन्होंने हमारे गाने पर, यू-ट्यूब पर कमेंट किया. मुझे एक सेकेंड लगता है ये समझने में कि कौन ट्रोल्स हैं. जो बॉयकॉट , बॉयकॉट लिखते हैं या पाकिस्तान चले जाओ लिखते हैं, मैं समझ जाता हूं कि वही ट्रोल्स हैं. उन्होंने गाना तक नहीं सुना होता है. बस उन्हें नेगेटिविटी फैलानी है. तो उनकी बातों का कोई असर नहीं होता मेरे ऊपर.”

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