फिल्‍म रिव्‍यू: फूहड़ कॉमेडी परोसती है फिल्‍म ”Hunterrr”

निर्देशक: हर्षवर्धन कुलकर्णी निर्माता: केतन मारू, रोहित कलाकार-गुलशन देवैया , राधिका आप्टे ,साई तम्हाडकर और अन्य रेटिंग: ढाई पिछले कुछ समय से सेक्‍स कॉमेडी जॉनर पर कई फ़िल्में बन चुकी हैं लेकिन हंटर इस जॉनर की फिल्मों से एक कदम आगे बतायी जा रही है. फिल्म देखने के बाद यहां भी मामला नयी बोतल में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 21, 2015 9:55 AM
निर्देशक: हर्षवर्धन कुलकर्णी
निर्माता: केतन मारू, रोहित
कलाकार-गुलशन देवैया , राधिका आप्टे ,साई तम्हाडकर और अन्य
रेटिंग: ढाई
पिछले कुछ समय से सेक्‍स कॉमेडी जॉनर पर कई फ़िल्में बन चुकी हैं लेकिन हंटर इस जॉनर की फिल्मों से एक कदम आगे बतायी जा रही है. फिल्म देखने के बाद यहां भी मामला नयी बोतल में पुरानी शराब वाला ही है. खासकर कहानी के मामले में.
कहानी मंदार ( गुलशन ) की है.जो शादी में नहीं वासुगिरी में यकीन रखता है.वासुगिरी क्या होती है इसके लिए फिल्म देखनी होगी’ अभी के लिए प्रचलित शब्द में इसे रंगीन मिजाज कह सकते हैं . १२ साल की छोटी उम्र से ही मंदार को लड़कियों से लगाव हो जाता है. यह लगाव सिर्फ उनके शरीर तक ही सीमित है. उसके सविता भाभी से लेकर कॉलेज की लड़कियों तक कई के साथ सम्बन्ध रहे है. ये लड़कियां मंदार से प्यार करने लगती हैं लेकिन मंदार को प्यार व्यार में यकीं नही.
इसी बीच उसे एक तृप्ति(राधिका) नाम की एक लड़की से प्यार हो जाता है. तृप्ति के सामने वो खुद को दूध का धुला बताता है. जिसका कभी कोई छोटा सा भी अफेयर नहीं रहा है लेकिन फिर जो अब तक कई फिल्मों में होता आया है यह सेक्स कॉमेडी फिल्म लव स्टोरी में बदल जाती है. मंदार अपनी वासुगिरी पर शर्मिंदा होता है. वह वह तृप्ति को सबकुछ बताने का फैसला करता है क्या तृप्ति मंदार को माफ़ कर पायेगी यही फिल्म की कहानी है .
फिल्म की कहानी २ घंटे २० की ही है लेकिन फिल्म बहुत लंबी जान पड़ती है.एक सीन्‍स का दो तरह से ट्रीटमेंट कुछ दृश्यों में रोचक लगता है लेकिन लगातार दोहराव फ़िल्म को बोझिल बना देता है खासकर इंटरवल के बाद. फिल्म को जिस तरह से बार-बार फलैशबैक में दिखाया जाता है वो कंफ्यूज करता है. फिल्म के ट्रेलर को देखने के जैसा आपने सोचा होगा वैसा फ़िल्म आपको एंटरटेन नहीं करेगी इसलिए फ़िल्म से ज़्यादा उम्मीदें और सपने लेकर देखने जाना ज़्यादा निराश कर सकता है.
अभिनय की बात करे तो गुलशन ने मंदार के किरदार को बखूबी और पूरी सहजता के साथ निभाया है. राधिका का किरदार छोटा है लेकिन वे अपनी उपस्तिथि दर्शाने में कामयाब रही है. अन्य किरदार साईं से लेकर गुलशन के सभी दोस्त अपने अपने किरदार के साथ बखूबी न्याय करते नज़र आते हैं. फिल्म के कलाकार इस फिल्म की’ सबसे बड़ी यूएसपी है. फिल्म के चुटीले सवांद भी फिल्म की बोरियत को कम करते हैं. फिल्म का एक पहलु यह भी अच्छा है कि फिल्म में सेक्स के नाम पर फूहड़ता नहीं परोसी गयी है जो मौजूदा दौर की सेक्स कॉमेडी फिल्मों में जमकर परोसा जाता है. कुल मिलाकर हंटर किश्तों में एंटरटेन करती है.

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