फिल्‍म ”पीके” को लेकर सेंसर बोर्ड के सदस्‍य ने भी जताई थी आपत्ति, लेकिन…

ज्‍योतिष और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्‍वरूपानंद सरस्‍वती ने फिल्‍म ‘पीके’ के कुछ सीन्‍स और डायलॉग्‍स पर सेंसर बोर्ड के एक सदस्‍य द्वारा आपत्ति जताये जाने के बावजूद फिल्‍म को ‘UA’ सर्टिफिकेट दिये जाने को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है. उनका कहना है कि फिल्म ‘पीके’ में कई दृश्य आपत्तिजनक हैं और सनातन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 6, 2015 12:47 PM

ज्‍योतिष और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्‍वरूपानंद सरस्‍वती ने फिल्‍म ‘पीके’ के कुछ सीन्‍स और डायलॉग्‍स पर सेंसर बोर्ड के एक सदस्‍य द्वारा आपत्ति जताये जाने के बावजूद फिल्‍म को ‘UA’ सर्टिफिकेट दिये जाने को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है. उनका कहना है कि फिल्म ‘पीके’ में कई दृश्य आपत्तिजनक हैं और सनातन धर्म से जुड़े लोगों को आहत करने वाले हैं.

उन्‍होंने आगे बताया कि,’ सनातन धर्म में प्राण-प्रतिष्‍ठा के बाद मूर्ति पूजन होता है. फिल्‍म में भगवान भोलेनाथ को ऑटो से भागते और बाथरूम में छुपते दिखाया गया है. इसके अलावा दीवार पर भगवान की फोटो साटने को लेकर भी अजीब बात कही गई है. आमिर ने फिल्‍म में अपने गाल में भगवान के स्‍टीकर चिपकाये है और इसकी वजह पूछने पर अजीब जवाब देते हैं.’

शंकराचार्य ने बताया कि,’ मुस्लिम, ईसाई और यहूदी लोग हिंदुओं को समाप्‍त करना चाहते हैं. सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म हैं. वहीं जिन प्रदेशों में फिल्‍म (पीके) को टैक्‍स फ्री किया गया है वहां की सरकारें अपना वोट बैंक की राजनीति कर रही है. मुस्लिम वर्ग से वे देश में राज नहीं कर सकते, देश में एक अरब हिंदू है.’

वहीं शकराचार्य का कहना है कि,’ जिस अधिकारी ने सीन और डायलॉग पर आपत्ति जताई थी उसका फिल्‍म का जारी किये गये प्रमाण पत्र में नाम ही नहीं है. इसलिए प्रमाण पत्र को जारी किये जाने के मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए.

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