खास बातचीत में बोलीं तापसी पन्नू- मुझे बराबरी का हक चाहिए

Taapsee Pannu film ‘Thappad’: बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू की फिल्म ‘थप्पड़’ 28 फरवरी को रिलीज होने वाली है. फिल्म में वह एक हाउसवाइफ का किरदार निभाती नजर आयेंगी. फिल्म की कहानी एक थप्पड़ के इर्द-गिर्द घूमती है. महिला केंिद्र‍त इस फिल्म में तापसी अपने घर-परिवार के खिलाफ जाकर पति के एक थप्पड़ को सहने के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 9, 2020 2:16 PM

Taapsee Pannu film ‘Thappad’: बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू की फिल्म ‘थप्पड़’ 28 फरवरी को रिलीज होने वाली है. फिल्म में वह एक हाउसवाइफ का किरदार निभाती नजर आयेंगी. फिल्म की कहानी एक थप्पड़ के इर्द-गिर्द घूमती है. महिला केंिद्र‍त इस फिल्म में तापसी अपने घर-परिवार के खिलाफ जाकर पति के एक थप्पड़ को सहने के बजाय उसका विरोध करती नजर आयेंगी. इसके लिए उन्हें कोर्ट-कचहरी का सहारा लेना पड़ता है. इस फिल्म में जुड़ी अन्य बातों पर पेश है तापसी पन्नू की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

क्या आपने कभी रियल लाइफ में ‘थप्पड़’ का इस्तेमाल किया है?
जब से मैंने ‘बेबी’ और ‘नाम शबाना’ है किया है, तब से मुझसे यह पूछा जा रहा है कि मैंने किसी को थप्पड़ मारा है या नहीं? और मैं हर बार यही दोहराती हूं मैंने किसी को एक थप्पड़ तक नहीं मारा है. स्कूल-कॉलेज में कभी जरूरत ही नहीं पड़ी किसी को थप्पड़ मारने की. ( हँसते हुए) मुझे लगता है कि मैं बातों से वह चीज कर देती हूं.

‘थप्पड़’ फिल्म कैसे आपको मिली?
‘मुल्क’ के प्रोमोशन के दौरान मैं अनुभव से डिस्कस कर रही थी. मैंने उन्हें बोला था कि मुझे घरेलू हिंसा पर फिल्म करनी है. अब कैसे आयेगी स्क्रिप्ट कहां से आयेगी पता नहीं. उन्होंने कहा कि उनके दिमाग में एक आइडिया है. एक वन लाइनर टाइप. जिसे वह डेवलप कर सकते हैं. ‘आर्टिकल 15’ के तुरंत बाद उन्होंने मुझे इस फिल्म की स्क्रिप्ट भेजी.

आप कितनी धैर्यवान हैं?
इस इंडस्ट्री में आकर बहुत धैर्य आ गया है. पहले नहीं था. पहले बहुत शाॅर्ट टेम्पर थी. हाइपर भी थी. अब नहीं हूं. एक उम्र का भी तकाजा होता है. आप उम्र के साथ मैच्योर होते जाते हैं. हम औरतें तो आदमियों की तुलना में जल्दी मैच्योर हो जाते हैं. इंडस्ट्री में जब आप काम करते हैं तो कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं होता तो गलतियों से ही सीख-सीखकर आप मैच्योर हो जाते हैं.

आपको कौन सी चीजें ज्यादा परेशान करती हैं?
आप जिस काम को तवज्जो नहीं दे रहे हो लोग उसे लेने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं. जो लोग अपने काम को हल्के में लेते हैं, वह मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है.

क्या आपको लगता है कि जिंदगी अनफेयर है?
हां है, लेकिन किसने कहा था कि फेयर होंगी. आपने उम्मीद लगायी है कि फेयर होगी. आप निराश होते हैं. गलती भी आपकी ही हैं जो ऐसा सोचते हैं. अनफेयर का रोना रोते रहो या उससे सीख लो. ये आपके ऊपर है.

घरेलू हिंसा एक बहुत बड़ा मुद्दा है. आपको क्या लगता है कहां गलती होती है?
इस फिल्म के अंदर एक सीन है. जहां लड़की अपने वकील से बात कर रही है और बोल रही है कि किस-किस की गलती है. गलती तो उसकी है. जो उसने मुझे मारने का हक समझा और मेरी भी जो मैंने खुद को ऐसा बना दिया कि वह मुझे थप्पड़ मार सकता है. गलती शायद उसकी मां की भी है कि उसने उसे नहीं सिखाया कि कैसे अपनी बीवी को रखना है और शायद गलती मेरी मां की भी है. जिन्होंने मुझे सिखाया कि औरतों को सहनशील होना चाहिए. बर्दास्त करना आना चाहिए. कुल मिलाकर गलती हम सभी की है और हम सभी को अपनी-अपनी गलती सुधारनी होगी.

आपके लिए फेमिनिज्म क्या है?
बराबरी बस मुझे चाहिए. एक्स्ट्रा कुछ नहीं. मैं औरत हूं तो मुझे एक्स्ट्रा चीजें मत दो, लेकिन औरत होने के नाते छीन भी मत लो. मेरी प्रतिभा से मुझे जज करो और उसी अनुसार मौके दो.

अभी आप कौन-कौन सी फिल्में कर रही हैं.
‘हसीन दिलरुबा’ के बाद मैं ‘रश्मि राॅकेट’ करूंगी. उसमें मैं स्प्रिंटर बनी हूं. तीन महीने की ट्रेनिंग थी. एक महीने हो गये. डाइट, फिजिओ, एथलीट ट्रेनिंग, जिम ट्रेनिंग, रोज डेढ़ घंटे की ट्रेनिंग कर रही हूं. ट्रेनिंग के बाद हसीन दिलरुबा की शूटिंग में जाती हूं. ‘रश्मि रॉकेट’ के बाद मिताली की बायोपिक के लिए ट्रेनिंग करूंगी. क्रिकेट की ट्रेनिंग लुंगी. उम्मीद है कि मिताली को निराश नहीं करूंगी.

कंगना और उनकी बहन रंगोली अक्सर आप पर आरोप लगाती हैं?

मैं यह सब सोचकर अपना ब्लड प्रेशर हाइ नहीं करती हूं. आपको मुझे दुखी करने या चोट पहुंचाने के लिए आपको मेरी जिंदगी में करीबी बनना होगा. बाहर से बैठ कर आप मुझे गालियां दोगे तो मुझे बुरा थोड़े न लगेगा. मुझे तो हंसी आयेगी. एक ही लाइफ मिली है. उसमें बहुत कुछ करना है. यह सब में खून नहीं जलाना है.

अवार्ड्स पर आपको क्या कहना है?
अब भरोसा ही नहीं. ‘पिंक’ के वक़्त लगा था कि मुझे अवार्ड मिलेगा. फिल्म में मेरे परफॉर्मेंस को लोग कितना सराहा था. मुझे आज भी कई लोग पिंक गर्ल ही बोलते हैं. मुझे सुजॉय घोष ने कहा था कि कपड़े सिलवा लो बहुत अवार्ड मिलने वाले हैं. कोई अवार्ड नहीं मिला. अब अवार्ड्स को लेकर कोई उत्साह भी नहीं रहा.

Next Article

Exit mobile version