”कुछ कुछ होता है” देख नाराज हो गईं थी शबाना आजमी, करन जौहर को फोन कर कही थी ये बात

करन जौहर इंडस्‍ट्री के उन फिल्‍म निर्माताओं में शुमार हैं जिन्‍हें गलती स्‍वीकारने में कोई हिचक नहीं होती. हाल ही में मेलबर्न के भारतीय फिल्‍म महोत्‍सव में करण जौहर ने बतौर डायरेक्‍टर अपनी डेब्‍यू फिल्‍म ‘कुछ कुछ होता है’ (KKHH) को लेकर माना कि फिल्‍म बनाते वक्‍त उन्‍होंने इस बात का ध्‍यान नहीं रखा था […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 21, 2019 9:21 AM

करन जौहर इंडस्‍ट्री के उन फिल्‍म निर्माताओं में शुमार हैं जिन्‍हें गलती स्‍वीकारने में कोई हिचक नहीं होती. हाल ही में मेलबर्न के भारतीय फिल्‍म महोत्‍सव में करण जौहर ने बतौर डायरेक्‍टर अपनी डेब्‍यू फिल्‍म ‘कुछ कुछ होता है’ (KKHH) को लेकर माना कि फिल्‍म बनाते वक्‍त उन्‍होंने इस बात का ध्‍यान नहीं रखा था कि फिल्‍म में महिलाओं का चित्रण नैतिक रूप से सही नहीं है. इस फिल्‍म को देखकर दिग्‍गज अदाकारा शबाना आजमी नाराज हो गई थीं. करन जौहर ने खुद इस बात का खुलासा किया.

करन जौहर ने बताया, ‘कुछ कुछ होता है राजनीतिक रूप से सबसे गलत फिल्‍म थी. मुझे याद है कि शबाना आजमी ने यूके में कहीं फिल्‍म देखी और फिर मुझे फोन किया. वे बेहद गुस्‍सा थीं.’

उन्‍होंने आगे बताया,’ शबाना आजमी ने मुझसे कहा- तुमने यह क्‍या दिखाया है ? उस लड़की के छोटे बाल हैं, इसलिये वह आकर्षक नहीं है और जब उसके बाल लंबे हो जाते हैं तो वो खूबसूरत हो जाती है. तुम्‍हें इस बारे में क्‍या कहना है ? मैंने कहा- मुझे खेद है. उन्‍होंने फिर पूछा था कि क्‍या तुम्‍हें इतना ही कहना है ? मैंने कहा- हां, क्‍योंकि मुझे पता है आप जो कह रही हैं, वह सही है.’

करण ने इस बात को भी स्‍वीकारा कि इसका अ‍हसास उन्‍हें बहुत बाद में हुआ जब उन्‍होंने अपनी फिल्‍मों के लिए काफी मजबूत किरदार लिखे, जिनमें भावनात्‍मक गहराई होती है और जिनका चित्रण कोई गलत संदेश नहीं देता.

साल 1998 में रिलीज हुई फिल्‍म ‘कुछ कुछ होता है’ बॉक्‍स ऑफिस पर ब्‍लॉकबस्‍टर साबित हुई थी. फिल्‍म में शाहरुख खान (राहुल), काजोल (अंजलि) और रानी मुखर्जी (टीना) ने मुख्‍य भूमिका निभाई थी. फिल्‍म के गाने सुपरहिट हुए थे.

करण बॉलीवुड में बतौर निर्देशक स्‍थापित हो चुके हैं और उनपर मुख्‍यधारा का लेबल लग चुका है. उनकी सूची में अलग-अलग तरह का सिनेमा जुड़ा है.

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