शबाना आजमी-जावेद अख्‍तर के कराची दौरा रद्द करने से बौखलाया पाकिस्‍तान, कहा- ऐसी उम्‍मीद न थी

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इससे पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है. बॉलीवुड इंडस्ट्री ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है. इसी कड़ी में शबाना आजमी और उनके पति और गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने अपना कराची दौरा रद्द कर दिया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2019 12:57 PM

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इससे पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है. बॉलीवुड इंडस्ट्री ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है. इसी कड़ी में शबाना आजमी और उनके पति और गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने अपना कराची दौरा रद्द कर दिया है. पाकिस्तान के साहित्यिक एवं कला समुदाय ने शबाना आजमी और जावेद अख्तर के कराची दौरा रद्द करने के फैसले पर निराशा व्यक्त की है.

शबाना और जावेद ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कैफी आजमी जन्मशती समारोह में शिरकत ना करने का फैसला किया था. प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक ओमैर अल्वी ने कहा, ‘ शबाना और जावेद साहब हमेशा ऐसे प्रगतिवादी लोग रहे हैं, जिन्होंने भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों को बेहतर बनाने की बात की है. पुलवामा हादसे पर उनकी प्रतिक्रिया कराची में कला एवं साहित्यिक समुदाय के लिए चौंकाने वाली है.’

कराची में पाकिस्तान की कला परिषद ने भी शनिवार को दोनों कलाकारों के निर्णय पर खेद जताया था. कला परिषद के प्रमुख अहमद शाह ने कहा था, ‘ उनका (जावेद का) बयान एक साहित्यकार के तौर पर उचित प्रतीत नहीं होता.’ कला परिषद शायर कैफी आजमी की जन्मशती के अवसर पर 23 से 24 फरवरी को समारोह आयोजित कर रही है.

जाने-माने अभिनेता शकील ने भी दंपति के इस निर्णय पर खेद प्रकट किया है. उन्होंने कहा, ‘‘ दुख की बात यह है कि चरमपंथ के खिलाफ और लोगों के बीच आपसी संपर्क के पक्ष में हमेशा बोलने के बाद, उन्होंने अब उम्मीद छोड़ दी है.’ इस बीच, पाकिस्तानी सिनेमा थिएटरों के मालिकों एवं वितरकों ने आशंका जताई है कि भारतीय सिनेमा जगत की कड़ी प्रतिक्रिया का असर उनके व्यापार पर पड़ सकता है.

भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध वितरक नदीम मंडीवाला ने कहा कि उन्हें बहुत बुरा होने का डर है। मंडीवाला के कराची और अन्य कई शहरों में सिनेपैक्स हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चीजें जैसा मोड़ ले रही हैं, मुझे डर है कि भारतीय फिल्म जगत पाकिस्तानी वितरकों को अपनी फिल्मों का निर्यात करना बंद कर देंगे, जैसा कि कुछ वर्ष पहले किया जा चुका था.’

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