#MohammedRafi 94th birthday : जब मक्का में मोहम्मद रफी ने दिया अजान तो…

हिंदी फिल्म जगत के ‘सुर सम्राट’ मोहम्मद रफी की आज जयंती है. उन्हें लोग प्यार से रफी साहब ही बुलाते थे. आज उनकी 94वीं जयंती मनायी जा रही है. रफी साहब एक ऐसे प्लेबैक सिंगर थे जिन्होंने विभिन्न भाषाओं में सात हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड करवाये. उन्होंने विभिन्न शैली के गानों को गाया और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2018 12:13 PM

हिंदी फिल्म जगत के ‘सुर सम्राट’ मोहम्मद रफी की आज जयंती है. उन्हें लोग प्यार से रफी साहब ही बुलाते थे. आज उनकी 94वीं जयंती मनायी जा रही है. रफी साहब एक ऐसे प्लेबैक सिंगर थे जिन्होंने विभिन्न भाषाओं में सात हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड करवाये. उन्होंने विभिन्न शैली के गानों को गाया और लोगों के दिलों में बस गये. चाहे वे भजन, कव्वाली, रोमांटिक गीत, देशभक्ति गीत या फिर क्लासिकल सॉन्ग गा रहे हों, अपने फैन से वे हर गाने को खास बना देते थे. आज उनकी जयंती पर सुने उनसे जुड़ा यह किस्सा.

उन्होंने एक से बढ़कर एक गीत गाये और अमर हो गये, हालांकि उनका निधन 31 जुलाई 1980 में हो गया. रफी साहब के बारे में एक किताब में जिक्र है कि वे एक बार हज के लिए मक्का गये थे. वहां के माहौल को देखकर उनका मन अजान देने का हुआ. लेकिन वहां की परंपरानुसार कोई बाहर का व्यक्ति वहां अजान नहीं दे सकता था. लेकिन जब मोहम्मद रफी ने बहुत गुजारिश की और वहां के लोगों को यह पता चला कि वे हिंदुस्तान के बहुत बड़े गायक हैं, तो उन्हें अजान पढ़ने का मौका मिला. किताब में जिक्र है कि जब उन्होंने अजान पढ़ा तो सुनने वाले इतने भाव-विभोर हो गये कि कई तो रोने लगे.

सुनें मोहम्मद रफी के हिट गानें :-

मोहम्मद रफ़ी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को अमृतसर के पास कोटला सुल्तान सिंह में हुआ था. आरंभिक बाल्यकाल में ही इनका परिवार लाहौर से अमृतसर आ गया. इनके परिवार का संगीत से कोई खास सरोकार नहीं था. वे अपने भाई की दुकान में बैठकर एक फकीर की नकल किया करते थे और उनकी आवाज को लोग बहुत पसंद करते थे. एक कार्यक्रम में जब सहगल साहब ने गाने से मना कर दिया था तो रफी साहब को मात्र 13 वर्ष की उम्र में स्टेज पर पहली बार गाने का मौका मिला था.