मीडिया की राय : ‘पद्मावत’ कल होगी रिलीज, सिनेमैटोग्राफी शानदार, अभिनय जबरदस्त, लेकिन विवाद पर है लोगों का ध्यान
बहुचर्चित और विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ कल रिलीज होने वाली है. मीडिया को यह फिल्म कल दिखाई गयी. इस फिल्म की समीक्षा लिखते हुए समीक्षक फिल्म की अच्छाई-बुराई की बजाय यह देखने में ज्यादा इंट्रेस्टेड नजर आये हैं कि कहीं फिल्म में कुछ विवादास्पद तो नहीं है.... फर्स्टपोस्ट डॉट कॉम के अनुसार फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शानदार […]
बहुचर्चित और विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ कल रिलीज होने वाली है. मीडिया को यह फिल्म कल दिखाई गयी. इस फिल्म की समीक्षा लिखते हुए समीक्षक फिल्म की अच्छाई-बुराई की बजाय यह देखने में ज्यादा इंट्रेस्टेड नजर आये हैं कि कहीं फिल्म में कुछ विवादास्पद तो नहीं है.
फर्स्टपोस्ट डॉट कॉम के अनुसार फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शानदार है और यही फिल्म का मजबूत पक्ष है. फर्स्टपोस्ट के अनुसार यह फिल्म राजपूती आन बान और शान को दर्शाती है, फिल्म के कलाकरों ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है और अपने लिए पुरस्कार सुनिश्चित करने की कोशिश की है. फिल्म का कमजोर पक्ष है कहानी. फिल्म में पांच मिनट की कहानी को रबड़ की तरह खिंचा गया है. जहां तक इसपर हो रहे विवाद की बात है, तो फिल्म में ऐसा कुछ नहीं दिखाया गया, जिसे लेकर विवाद हो, डिस्क्लेमर में भी यह कहा गया है कि कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है.
आजतक डॉट कॉम के अनुसार संजय लीला भंसाली फिल्मों की भव्यता के लिए जाने जाते हैं और इस फिल्म में भी वह सबकुछ है जो भंसाली की पहचान है. फिल्म की एडिटिंग को कमजोर बताया गया है हालांकि कलाकारों का अभिनय और संगीत जबरदस्त है. फिल्म का हर सीन सुखद होने का दावा किया है. आजतक का कहना है कि फिल्म राजपूतों के पराक्रम को दर्शाता है अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के प्रेम को नहीं. ना ही ड्रीम सीक्वंस में ऐसा कुछ दिखाने का प्रयास हुआ है. संभवत: करणी सेना फिल्म देखने के बाद विरोध करना छोड़ देगी.
नवभारत टाइमस् डॉट कॉम के अनुसार फिल्म बहुत ही शानदार है और इसे देखने के बाद लोग इसपर गर्व करेंगे ना कि विरोध. फिल्म का प्रस्तुतीकरण शानदार है, अभिनय के मामले में रणवीर सिंह बाजी मार गये हैं, भले ही वे फिल्म में बहुत क्रूर दिखाये गये हैं, लेकिन प्रेम को पाने की उनकी बेबसी उन्हें दर्शकों का चहेता बना सकती है.
जागरण के अनुसार ‘पद्मावत’ राजपूती आन- बान और शान की गाथा है. जागरण के अनुसार संजय लीला भंसाली की फिल्मों में जो कुछ होता है यह फिल्म उसकी अगली कड़ी है. उनकी फिल्मों की खूबियां और खामियां भी इस फिल्म में हैं. सिनेमैटोग्राफी शानदार है. फिल्म 3डी है जो फिल्मों को और भी भव्य बनाती है. हालांकि एडिटिंग थोड़ी कमजोर है. लेकिन इस फिल्म की अच्छाई-बुराई से ज्यादा इससे जुड़े विवाद पर ज्यादा चर्चा हो रही है.
