FILM REVIEW: एक्‍शन-कॉमेडी-हॉरर का तड़का, पढ़ें कैसी है ”गोलमाल अगेन”

II उर्मिला कोरी II फिल्म – गोलमाल अगेन निर्देशक – रोहित शेट्टी कलाकार – अजय देवगन, अरशद वारसी, तब्बू, परिणीति चोपड़ा, श्रेयस तलपड़े, कुणाल खेमू और अन्य रेटिंग – तीन सात साल के लम्बे अंतराल के बाद निर्देशक रोहित शेट्टी और अभिनेता अजय देवगन की जोड़ी अपने सबसे सफल फ्रेंचाइजी ‘गोलमाल अगेन’ के साथ वापसी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2017 4:08 PM

II उर्मिला कोरी II

फिल्म – गोलमाल अगेन
निर्देशक – रोहित शेट्टी
कलाकार – अजय देवगन, अरशद वारसी, तब्बू, परिणीति चोपड़ा, श्रेयस तलपड़े, कुणाल खेमू और अन्य
रेटिंग – तीन

सात साल के लम्बे अंतराल के बाद निर्देशक रोहित शेट्टी और अभिनेता अजय देवगन की जोड़ी अपने सबसे सफल फ्रेंचाइजी ‘गोलमाल अगेन’ के साथ वापसी की है. इस बार रोहित ने कॉमेडी के साथ साथ हॉरर जॉनर को भी कहानी में जोड़ा है लेकिन बात फिर भी जमी नहीं. फिल्म गोलमाल अगेन की कहानी शुरू होती है गोपाल (अजय देवगन), माधव (अरशद वारसी), लकी (तुषार कपूर), लक्ष्मण प्रसाद (श्रेयष तलपडे) और लक्ष्मण (कुणाल खेमू) के बचपन से.

गोपाल, माधव, लकी, लक्ष्मण और लक्ष्मण ऊटी के एक अनाथालय में रहते हैं, बचपन में कुछ परिस्थितियों के कारण वे सब एक दूसरे से अलग हो जाते हैं लेकिन 25 सालों बाद वह फिर उस अनाथाश्रम में लौटते हैं. पता चलता कि वो जिस घर में रुके हुए हैं उसमे भूत हैं. उसके बाद फिर कहानी में एक ट्विस्ट आ जाता है. क्या है वह ट्विस्ट?

फिल्म की जब टैगलाइन ही है नो लॉजिक तो कहानी में भी इसे ना ढूंढना ही बेहतर होगा. हाँ फिल्म में कॉमेडी है जो इस नो लॉजिक वाली फिल्म में बीच बीच में मैजिक ज़रूर जगा जाता है. खासकर फर्स्ट हाफ फ़िल्म का ज़्यादा अच्छा है. इंटरवल भी बहुत रोचक ढंग से फ़िल्म में आता है. हां फिल्म के सेकंड हाफ में कॉमेडी का डोज थोड़ा कम हो गया है और फिल्म का क्लाइमेक्स भी कमज़ोर रह गया है..जो थोड़ा इस फिल्म के मज़े को किरकिरा कर जाता है.

फिल्म का अंत ज़रूरत से ज़्यादा खींचा गया है. इन सब पहलुओं पर काम किया गया होता तो यह एक फुल ऑन एंटरटेनमेंट फ़िल्म बन जाती है.

अभिनय की बात करें तो अजय और उनकी टीम एक बार फिर बेजोड़ रही है हाँ श्रेयस और कुणाल खेमू इनमें ज़्यादा लुभा जाते हैं. तब्बू और परिणीति चोपड़ा इस बार फिल्म में नए चेहरे हैं, उन्होंने फिल्म में अपने अभिनय से फ्रेशनेस जोड़ा है. नील नितिन और प्रकाश राज का काम भी अच्छा रहा है. जॉनी लीवर, मुकेश तिवारी, संजय मिश्रा की एक्टिंग फिल्म की स्टोरी को कमाल के अंदाज में आगे बढ़ाती रहती है. फ़िल्म में नाना पाटेकर भी हैं.

फ़िल्म का गीत संगीत औसत रह गया है. सिनेमाटोग्राफी, लोकशन्स और कैमरा वर्क कमाल का है. कुलमिलाकर गोलमाल खामियों के बावजूद चेहरे पर मुस्कान लाने में कामयाब रही है बस फ़िल्म में दिल लगाइए दिमाग नहीं.

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