सिंगर जुबिन ने उल्फा-आई को लिखा खुला पत्र, शांति की अपील की

गुवाहाटी: असमिया गायक ज़ुबिन गर्ग ने प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने शांति का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या से कुछ भी हासिल नहीं होगा. विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलने वाले इस गायक-अभिनेता-निर्माता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भय पैदा करने से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 21, 2019 8:42 AM

गुवाहाटी: असमिया गायक ज़ुबिन गर्ग ने प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने शांति का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या से कुछ भी हासिल नहीं होगा. विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलने वाले इस गायक-अभिनेता-निर्माता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भय पैदा करने से राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है, बल्कि मेहनत और कड़ा परिश्रम करने से ही यह साकार हो सकता है.

ज़ुबिन ने इस पोस्ट में कहा, ‘उल्फा से कहना चाहता हूं, मुझे एक क्रांति की आवश्यकता है. मुझे बदलाव की क्रांति की आवश्यकता है. निर्दोष लोगों को मारने से कुछ भी हासिल नहीं होगा. भय किसी राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकता. श्रम कर सकता है. कठिन परिश्रम कर सकता है.”

इस पोस्ट को 2,200 बार शेयर किया गया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद उन अधिकारों को कोई मायने नहीं दे सकता, जिसके लिए परेश बरुआ के नेतृत्व वाला संगठन लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह काम ‘‘शिक्षा कर सकती है. विकास कर सकता है. प्रगति कर सकती है.”

बालीवुड में कई सुपरहिट गाने देने वाले इस गायक ने कहा, ‘हमारे बच्चों को सिखाएं कि कैसे खेती करें. उन्हें अभाव में भी बीज उगाना सिखाएं. उन्हें अपने सपनों को आकार देना सिखाएं.” ज़ुबिन ने कहा कि अगर वे कुछ बनाना चाहते हैं, तो वे माजुली का निर्माण कर सकते हैं और अगर वे कुछ खत्म करना चाहते हैं, तो वे काजीरंगा पर मंडराने वाले खतरों को खत्म कर सकते हैं. माजुली जिले पर भू-कटान से प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हमें बाढ़ के खिलाफ लड़ने के लिए एक क्रांति की आवश्यकता है. हमें एक क्रांति की जरूरत है जो हमें मुख्यधारा का हिस्सा बना पाए.’ ‘असम की स्वतंत्रता” की उल्फा की मांग का उल्लेख करते हुए ज़ुबिन ने लिखा, ‘स्वतंत्रता का मतलब अपने बूते खड़ा होना है. आप भय के माहौल में आजाद नहीं हो सकते. अराजकता कोई बदलाव नहीं ला सकती है. हम लोगों से राष्ट्र बनता है. यदि कोई जीवित ही नहीं बचेगा, तो फिर इसका क्या होगा.”

उनकी यह पोस्ट ऐसे समय में आयी है जब इससे पहले 15 मई को गुवाहाटी में जू रोड पर हुये ग्रेनेड विस्फोट में 12 लोग घायल हो गये थे. परेश बरुआ ने तब स्थानीय टेलीविजन चैनलों से कहा था कि यह क्षेत्र में गश्ती कर रहे सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना कर किया गया था. इससे पहले गर्ग ने इसी प्रकार का पत्र विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को भी लिखा था.

Next Article

Exit mobile version