कौन हैं बागपत की DM? ठिठुरने वाली इस ठंड में, बेजुबान कुत्तों के लिए उठाया बड़ा कदम

Baghpat DM Asmita Lal Success Story: अस्मिता उन चुनिंदा सिविल सेवकों में शामिल हैं जो अपने फैसले और एक्शन के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं. उन्होंने कुत्तों के लिए Waste Material से शेल्टर बनाया. इस अनोखे पहल के कारण उनकी काफी चर्चा हो रही है. आइए, जानते हैं कि अस्मिता लाल कौन हैं.

By Shambhavi Shivani | December 12, 2025 12:39 PM

Baghpat DM Asmita Lal Success Story: आईएएस एक ऐसी सेवा में जिसमें हर दिन कुछ नया करने का जुनून होना बहुत जरूरी है. उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले बागपत (Baghpat District) की डीएम ने इसी जुनून का परिचय दिया है. इंटरनेट पर उनकी खासा चर्चा है. हम बात कर रहे हैं, आईएएस अस्मिता लाल (IAS Asmita Lal) की, जो अपने काम को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं. इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा किया है, जिसने सोशल मीडिया पर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. 

Baghpat DM: बेजुबान जानवरों के लिए बनाया शेल्टर होम 

साइंस में अक्सर हम Reuse, recycle और Wonder from Waste जैसे टर्म्स पढ़ते हैं. लेकिन आईएएस अस्मिता लाल (IAS Asmita Lal) ने इसे ग्राउंड लेवल पर आजमाया. दरअसल, अस्मिता लाल ने ठंड से कांपते हुए आवारा कुत्तों के लिए पुराने टायर और प्लास्टिक के ड्रम से शेल्टर तैयार किया. इसमें गद्दे और तकिए भी रखे ताकि बेजुबान जानवरों को इस ठिठुरती ठंड में गर्म और आरामदायक आश्रय मिले. बागपत जिले की डीएम (Baghpat District DM) का ये एक्शन अब सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है. 

Baghpat DM Asmita Lal: कौन हैं आईएएस अस्मिता लाल? 

अस्मिता ने इसी साल (2025) जनवरी में बागपत जिले की डीएम के रूप में पदभार संभाला. अस्मिता दिल्ली की रहने वाली हैं. वे 2015 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. अस्मिता की पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय (Mumbai University) से मनोविज्ञान (Psychology) में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने JNU से लोक नीति एवं प्रबंधन (Public Policy and Management) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है.

What is Baghpat Famous For: नेत्रदान को लेकर चर्चा में आईं थीं 

अस्मिता उन चुनिंदा सिविल सेवकों में शामिल हैं जिन्होंने मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लेकर एक मिसाल पेश की है. अपने इस फैसले की वजह से वे काफी चर्चा में भी रहीं. अस्मिता हमेशा जमीनी समस्याओं को समझकर ऐसे कदम उठाती हैं जो समाज को प्रेरित करते हैं. उन्होंने CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) ट्रेनिंग को लेकर जिला स्तर पर अभियान शुरू किया था. खास बात यह है कि इस कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले खुद CPR की ट्रेनिंग ली.

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