रांची के बेटे को Google में 2 करोड़ का पैकेज, शिवम के पास कंप्यूटर साइंस ब्रांच में मास्टर्स

Success Story of Shivam Raj: रांची के शिवम राज आज Google में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उन्हें दो करोड़ रुपये का सालाना पैकेज मिला है. 12वीं में 74% अंक से उनके सपनों पर रोक लगी, लेकिन उन्होंने हार न मानकर दोबारा परीक्षा दी और 86% अंक हासिल किए. इसके बाद जेईई मेन व एडवांस्ड दोनों में सफलता पाकर उन्होंने अपनी मंजिल पाई.

By Ravi Mallick | August 31, 2025 8:49 AM

Success Story of Shivam Raj: रांची के शिवम राज आज Google में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हें दो करोड़ रुपये सालाना का पैकेज मिला है. लेकिन उनकी यह सफलता इतनी आसान नहीं थी. देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक की शर्त होती है, जबकि शिवम को 12वीं में केवल 74 प्रतिशत अंक मिले थे. इस एक प्रतिशत की कमी ने उनके सपनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. शिवम ने एक साल का ड्रॉप लेकर दोबारा 12वीं की परीक्षा दी और इस बार 86 प्रतिशत अंक हासिल किए. इसके साथ ही उन्होंने जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड दोनों परीक्षाओं में सफलता पाई.

Success Story of Shivam Raj: कौन है शिवम राज?

शिवम मूल रूप से गुमला जिले के कामडारा प्रखंड के सालेगुटू गांव के रहने वाले हैं और फिलहाल रांची के अरगोड़ा में रहते हैं. उनके पिता प्रो राजकुमार ओहदार एनआइएएमटी रांची में प्रोफेसर हैं, जबकि मां डॉ अर्चना कुमारी मरवाड़ी कॉलेज में सहायक प्राध्यापक हैं.

BIT मेसरा से बीटेक

शिवम की स्कूली शिक्षा जेवीएम श्यामली से हुई. इसके बाद उन्होंने 2021 में बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में बीटेक पूरा किया. कॉलेज प्लेसमेंट के दौरान ही उन्हें 52 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिला था, जो उनके करियर की एक बड़ी शुरुआत थी.

Google तक का सफर

बीटेक के बाद शिवम ने दो वर्षों तक फ्रंटएंड डेवलपर के रूप में कार्य किया और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में गहरा अनुभव हासिल किया. इसके बाद 2025 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स, ऐमहर्स्ट से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की. इसी दौरान उन्हें Google के करियर पेज से जॉब का अवसर मिला. उन्होंने आवेदन किया और चार राउंड के इंटरव्यू सफलतापूर्वक पूरे किए. इसके बाद गूगल की टीम के साथ मीटिंग हुई और उन्हें फाइनल ऑफर लेटर दिया गया.

निरंतर पढ़ाई और तकनीक से लगाव

शिवम ने अपनी सफलता का श्रेय निरंतर मेहनत और सीखने की ललक को दिया. उनका कहना है कि 12वीं में अपेक्षित अंक न आने के बाद उन्होंने अपनी कमियों को पहचाना और उन पर काम किया. वे कहते हैं कि “ज्यादा पढ़ाई करने से बेहतर है कि निरंतर पढ़ाई की जाए.” तकनीक के प्रति उनकी गहरी रुचि रही है और वे हमेशा नई चीजें सीखने के लिए तैयार रहते हैं. शिवम का मानना है कि असफलता से निराश होने के बजाय उसे सुधार का अवसर मानना चाहिए.

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