Rajasthan SI Recruitment Cacelled: राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द की 2021 की एसआई भर्ती, 859 पदों पर लगी रोक

Rajasthan SI Recruitment Cacelled: राजस्थान हाईकोर्ट ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती-2021 को पेपर लीक मामले में गंभीर गड़बड़ियों के कारण रद्द कर दिया है. 859 पदों पर होने वाली यह भर्ती विवादों में रही थी. कोर्ट ने पारदर्शिता की कमी बताते हुए पूरी प्रक्रिया निरस्त कर दी.

By Pushpanjali | August 28, 2025 1:32 PM

Rajasthan SI Recruitment Cacelled: राजस्थान में चर्चित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती-2021 को लेकर बड़ा फैसला आया है. हाईकोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह रद्द कर दिया है. इस भर्ती के तहत 859 पदों पर नियुक्तियां की जानी थीं, लेकिन पेपर लीक मामले के सामने आने के बाद यह लंबे समय से विवादों में थी.

पेपर लीक से भर्ती पर उठे सवाल

दरअसल, भर्ती प्रक्रिया के दौरान पेपर लीक होने का बड़ा खुलासा हुआ था. जांच में कई ट्रेनी एसआई और अभ्यर्थियों की संलिप्तता सामने आई थी. इस मामले की जांच विशेष संचालन समूह (SOG) ने की थी, जिसमें कई गिरफ्तारियां भी हुईं. इसके बाद भर्ती को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं.

अदालत में हुई बहस और सरकार का तर्क

जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने 14 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब अदालत ने साफ कर दिया है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही, ऐसे में पूरी चयन प्रक्रिया को निरस्त करना ही उचित है. सरकार की ओर से कोर्ट में तर्क दिया गया था कि गड़बड़ी केवल 68 अभ्यर्थियों तक सीमित रही है. इनमें 54 ट्रेनी एसआई, 6 चयनित उम्मीदवार और 8 फरार अभ्यर्थी शामिल थे. सरकार ने कहा था कि पूरे चयन को रद्द करने की बजाय दोषियों को अलग करके कार्रवाई हो सकती है.

उम्मीदवारों ने किया विरोध

चयनित अभ्यर्थियों ने भर्ती रद्द करने का कड़ा विरोध किया. उनका कहना था कि उन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी है. कई उम्मीदवारों ने तो इस भर्ती में शामिल होने के लिए अन्य राजकीय सेवाओं से इस्तीफा तक दे दिया था. उनके अनुसार, पूरी भर्ती रद्द करना उनके साथ अन्याय होगा.

हाईकोर्ट का सख्त फैसला

अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इन दलीलों को खारिज कर दिया. कोर्ट ने माना कि भर्ती प्रक्रिया पर से लोगों का भरोसा उठ चुका है, और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए पूरे चयन को निरस्त करना जरूरी है.

युवाओं की उम्मीदों पर असर

इस फैसले के बाद हजारों अभ्यर्थियों की उम्मीदों को झटका लगा है. हालांकि अब सरकार पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वह नई भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से शुरू करे, ताकि युवाओं का भरोसा फिर से कायम हो सके.

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