NCERT का नया नियम, अब बिहार बोर्ड के छात्र CBSE के बराबर 

NCERT New Rule: अब बिहार बोर्ड और CBSE बोर्ड के छात्र एक बराबर होंगे. किसी भी बोर्ड के छात्र में भेदभाव न की जाए, इस उद्देश्य से NCERT ने बड़ा बदलाव किया है. शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की. अब चाहे किसी छात्र ने अपनी पढ़ाई सीबीएसई, आईसीएसई या किसी भी राज्य शिक्षा बोर्ड से की हो, उनकी 10वीं और 12वीं की मार्कशीट को उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में समान रूप से मान्यता दी जाएगी.

By Shambhavi Shivani | September 27, 2025 1:52 PM

NCERT New Rule: देश भर के छात्रों के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है. अब चाहे किसी छात्र ने अपनी पढ़ाई सीबीएसई (CBSE), आईसीएसई या किसी भी राज्य शिक्षा बोर्ड से की हो, उनकी 10वीं और 12वीं की मार्कशीट को उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में समान रूप से मान्यता दी जाएगी. इस नई व्यवस्था से अलग-अलग बोर्डों के छात्रों के बीच बराबरी का माहौल बनेगा और सभी को समान अवसर मिलेंगे.

NCERT को सौंपी गई जिम्मेदारी 

शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की. इसमें बताया गया है कि अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह स्कूल शिक्षा बोर्डों की डिग्रियों की समतुल्यता (equivalence) तय करे. अब तक यह काम भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के पास था, लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप यह बदलाव किया गया है.

किसी छात्र के साथ नहीं होगा भेदभाव 

नई व्यवस्था के तहत, NCERT अपने राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र ‘परख’ (PARAKH) के जरिए यह प्रक्रिया पूरी करेगा. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह अकादमिक रूप से कठोर और निष्पक्ष होगी. यानी हर बोर्ड की डिग्री का मूल्यांकन तय मानकों के आधार पर होगा, ताकि किसी छात्र के साथ भेदभाव न हो और सभी को उच्च शिक्षा या नौकरियों के लिए बराबरी का अवसर मिले.

बिहार बोर्ड के छात्रों को समान अवसर मिलेंगे 

इस पहल का सबसे बड़ा उद्देश्य देश के अलग-अलग बोर्डों के बीच मौजूद असमानताओं को खत्म करना है. अब तक कई मामलों में छात्रों को समस्या होती थी कि किसी बोर्ड की डिग्री को अधिक मान्यता मिलती थी और किसी की कम जैसे कि बिहार बोर्ड (Bihar Board) को कम आंका जाता था. खासकर सरकारी नौकरियों या उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के दौरान यह असमानता सामने आती थी. लेकिन अब, इस कदम के बाद, सभी बोर्डों के छात्रों को एक जैसी मान्यता मिलेगी.

आत्मविश्ववास से आगे बढ़ेंगे छात्र

विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से न केवल छात्रों की दुविधा खत्म होगी, बल्कि देश की शिक्षा प्रणाली में भी पारदर्शिता और एकरूपता आएगी. अब छात्रों को इस बात की चिंता नहीं रहेगी कि उनके बोर्ड की मार्कशीट कम महत्व रखेगी. यह बदलाव उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का अवसर देगा.

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