CBSE Board Exam 2026: सीबीएसई ने शुरू किया CWSN रजिस्ट्रेशन, 22 सितंबर तक कर सकेंगे आवेदन

CBSE Board Exam 2026: सीबीएसई ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा 2026 में शामिल होने वाले विशेष आवश्यकता वाले छात्रों (CWSN) के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया है. स्कूल 22 सितंबर तक परीक्षा संगम पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. इसके जरिए छात्रों को सभी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी.

By Pushpanjali | September 4, 2025 7:38 PM

CBSE Board Exam 2026: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2026 में शामिल होने वाले विशेष आवश्यकता वाले छात्रों (CWSN) के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है. बोर्ड के मुताबिक, यह रजिस्ट्रेशन विंडो 9 सितंबर से 22 सितंबर 2025 तक खुली रहेगी.

सीबीएसई ने अपने परिपत्र में कहा है कि यदि कोई सीडब्ल्यूएसएन छात्र परीक्षा के दौरान बोर्ड द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं या छूट का लाभ लेना चाहता है, तो इसके लिए संबंधित स्कूलों को निर्धारित सीडब्ल्यूएसएन वेब पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा. यह पोर्टल “लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स” (LOC) के साथ जुड़ा हुआ है.

स्कूलों को दी गई जिम्मेदारी

बोर्ड ने सभी स्कूलों को समय पर आवेदन करने का निर्देश दिया है ताकि परीक्षा केंद्रों पर विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा सकें. इसके लिए सीबीएसई ने विस्तृत एसओपी (Standard Operating Procedure) भी जारी की है, जिससे स्कूल आवेदन प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा कर सकें.

परीक्षा संगम पोर्टल पर अपलोड होंगे दस्तावेज

देशभर के स्कूलों को यह पंजीकरण कार्य “परीक्षा संगम पोर्टल” के माध्यम से करना होगा. स्कूलों को अपने लॉगिन आईडी और पासवर्ड से पोर्टल पर लॉगिन कर सीडब्ल्यूएसएन मॉड्यूल में छात्रों की सूची देखनी होगी. इसमें उन छात्रों के नाम शामिल होंगे जिन्हें पहले से सीडब्ल्यूएसएन के रूप में चिह्नित किया गया है.

प्रत्येक श्रेणी के छात्रों के लिए उनकी दिव्यांगता के आधार पर सुविधाओं की सूची भी पोर्टल पर उपलब्ध होगी. यदि छात्र इन सुविधाओं का लाभ लेना चाहता है, तो विद्यालय को संबंधित विकल्प का चयन करना होगा. इसके बाद यह जानकारी स्वतः ही प्रवेश पत्र में शामिल हो जाएगी.

मिलेगी सभी जरूरी सुविधाएं

इस प्रक्रिया से सुनिश्चित होगा कि परीक्षा केंद्र विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए उचित व्यवस्था कर सके और किसी भी छात्र को परीक्षा के दौरान असुविधा का सामना न करना पड़े. बोर्ड का कहना है कि यह कदम शिक्षा में समान अवसर सुनिश्चित करने और दिव्यांग छात्रों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से उठाया गया है.

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