Dream 11 Co-founder Education: जिसने दिया ड्रीम 11 शुरू करने का आइडिया, वो भावित सेठ खुद कितने पढ़े लिखे
Dream 11 Co-founder Education: भवित शेठ और हर्ष जैन द्वारा 2008 में स्थापित, Dream11 आज दुनिया की सबसे बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनियों में से एक बन चुकी है. आज हम आपको बताएंगे भवित शेठ के जीवन से जुड़ी रोचक बातें और उन्होंने कहां से कौन सी डिग्री प्राप्त की है.
Dream 11 Co-founder Education: भवित शेठ और हर्ष जैन द्वारा 2008 में स्थापित, Dream11 आज दुनिया की सबसे बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनियों में से एक बन चुकी है. यह विचार कुछ दोस्तों की एक साधारण बातचीत से निकला था, जब वे कॉलेज से पास आउट होने के बाद अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे. आज, Dream11 भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स का सबसे बड़ा नाम बन चुका है, और इसका श्रेय भवित शेठ और हर्ष जैन की दूरदृष्टि और मेहनत को जाता है. आज हम आपको बताएंगे भवित शेठ के जीवन से जुड़ी रोचक बातें और उन्होंने कहां से कौन सी डिग्री प्राप्त की है.
अमेरिका से हासिल की है ये डिग्री
भवित शेठ जो एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं, उन्होंने Bentley University से MBA किया है. अमेरिका में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने वहां के फैंटेसी लीग सिस्टम को करीब से देखा, जो बेसबॉल, फुटबॉल और बास्केटबॉल में बेहद लोकप्रिय थे. इसने उन्हें भारत में भी कुछ ऐसा ही करने की प्रेरणा दी. इसी दौरान, उन्होंने और हर्ष जैन ने मिलकर भारत के क्रिकेट प्रेमियों के लिए Dream11 की नींव रखी, जिसमें मुख्य रूप से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे टूर्नामेंट्स के लिए फैंटेसी लीग बनाई गई.
भारत का टाॅप फैंटेसी गेमिंग ऐप है Dream 11
Dream11 ने भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स को एक नया मुकाम दिया है. यह सिर्फ एक गेमिंग प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच बन चुका है, जहां खेल प्रेमी अपनी रणनीति, ज्ञान और विश्लेषण का उपयोग कर असली खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर पॉइंट्स और पैसे जीत सकते हैं. यहां यूजर्स क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी, बास्केटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, बेसबॉल और हैंडबॉल जैसे कई खेलों में अपनी फैंटेसी टीमें बनाते हैं. Dream11 की शुरुआत छोटे स्तर पर हुई थी, लेकिन इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. 2016 में जहां इसके पास सिर्फ 2 मिलियन (20 लाख) यूजर्स थे, वहीं आज 220 मिलियन (22 करोड़) से भी ज्यादा लोग Dream11 से जुड़े हुए हैं. भारत में क्रिकेट की दीवानगी और डिजिटल क्रांति ने इसे और ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
