Dinkar Jayanti: स्कूलों में कहां मिलते हैं दिनकर, किस क्लास में होती है उनकी रचनाओं की पढ़ाई

Dinkar Jayanti: हिंदी साहित्य के महान कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जयंती 23 सितंबर को पूरे देश में मनाई जाती है. राष्ट्रकवि दिनकर की रचनाओं ने न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम के दौर में लोगों में जोश और ऊर्जा का संचार किया, बल्कि आज भी उनकी कविताएं पढ़ी जाती हैं. स्कूलों में भी उनकी कविताएं बच्चों को पढ़ाई जाती हैं ताकि स्कूली बच्चों को उनसे अवगत हों. आइए, जानते हैं कौन सी कक्षा से दिनकर की कविताएं पढ़ाई जाती हैं.

By Shambhavi Shivani | September 21, 2025 4:15 PM

Dinkar Jayanti: हिंदी साहित्य में जब भी ओजस्वी और देशभक्ति से भरी कविताओं की चर्चा होती है, तो सबसे पहले नाम रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का लिया जाता है. उन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि दी गई है. बिहार में 23 सितंबर 1908 को जन्मे दिनकर ने अपनी कविताओं से हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयां दीं. उनकी रचनाओं ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी बल्कि समाज में नवजागरण की भावना भी जगाई. यही वजह है कि आज उनकी कई रचनाएं देशभर के स्कूलों में पढ़ाई जाती हैं.

हिंदी साहित्य के महान कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जयंती 23 सितंबर को पूरे देश में मनाई जाती है. राष्ट्रकवि दिनकर की रचनाओं ने न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम के दौर में लोगों में जोश और ऊर्जा का संचार किया, बल्कि आज भी उनकी कविताएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी पाठ्यक्रमों के जरिए बच्चों तक पहुंच रही हैं. उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति, सामाजिक चेतना और मानवीय मूल्य गहराई से झलकते हैं.

9वीं कक्षा से पढ़ाई जाती है दिनकर की कविता 

दिनकर की कविताओं को स्कूली शिक्षा में शामिल करना इस बात का प्रमाण है कि उनकी रचनाएं समय के साथ और भी प्रासंगिक होती गई हैं. आमतौर पर उनकी कविताओं की पढ़ाई कक्षा नौवीं या दसवीं से शुरू होती है, हालांकि यह अलग-अलग बोर्ड के पाठ्यक्रम पर निर्भर करता है. एनसीईआरटी (NCERT) और विभिन्न राज्य बोर्ड ने उनकी कविताओं को अपने-अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है ताकि छात्र उनके विचारों से परिचित हो सकें.

कक्षा 3 से पढ़ाई जाती है बच्चों को दिनकर की कविता 

राष्ट्रभक्ति से भरपूर कविताओं के साथ-साथ दिनकर ने बच्चों के लिए भी कई रचनाएं कीं. इन्हीं में से एक लोकप्रिय कविता है “मिर्च का मजा”, जो बच्चों की पाठ्यपुस्तक रिमझिम (कक्षा 3) में शामिल है. यह कविता सरल भाषा और हास्य के माध्यम से बच्चों को आनंदित करती है और उन्हें साहित्य से जोड़ती है.

इसके अलावा, अलग-अलग राज्यों के पाठ्यक्रम में दिनकर की अन्य कविताएं भी पढ़ाई जाती हैं. कहीं उनकी कविताओं को आठवीं कक्षा से शामिल किया गया है तो कहीं 9वीं-10वीं से. उद्देश्य यही है कि विद्यार्थियों को उनकी लेखनी से प्रेरणा मिले और उनमें राष्ट्रप्रेम तथा नैतिक मूल्यों का विकास हो. वहीं कई जगहों पर छोटे बच्चों को भी उनकी कविताएं पढ़ाई जाती हैं. 

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