3 Idiots का ‘रैंचो’ इंजीनियरिंग के किस BTech Branch का स्टूडेंट था? बताने वाला कहलाएगा असली फैन

BTech Branch in 3 Idiots: फिल्म 3 Idiots बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय और प्रेरणादायक फिल्मों में से एक है. इसमें मुख्य किरदार रैंचो यानी रणछोड़दास श्यामलदास चांचड़ का रोल आमिर खान ने निभाया है. रैंचो का व्यक्तित्व और सोच पूरी फिल्म का आकर्षण बनती है, क्योंकि वह सिर्फ पढ़ाई में अच्छा नहीं है, बल्कि जीवन और सीखने के तरीकों में भी बहुत अलग नजरिया रखता है.

By Ravi Mallick | September 1, 2025 12:05 PM

BTech Branch in 3 Idiots: फिल्म 3 Idiots में रैंचो यानी रणछोड़दास चांचड़ ने सबका दिल जीत लिया. वो सिर्फ पढ़ाई का पिट्ठू नहीं, बल्कि जिंदगी का असली चैंपियन है. अब सवाल ये है कि रैंचो कौन सी इंजीनियरिंग कर रहा था? फिल्म देखते हुए छात्र इन डिटेल्स को ध्यान नहीं देते लेकिन ये हिस्सा छात्रों के लिए प्रेरणादायक हो जाता है.

रैंचो की पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं थी. वो प्रोजेक्ट्स, मशीन लर्निंग और इनोवेशन में भी कमाल करता था. उसका मकसद सिर्फ ग्रेड्स लेना नहीं, बल्कि असली सीखने का मजा लेना था. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे रैंचो अपने दोस्तों फरहान और राजू को डर छोड़कर सोचने और क्रिएटिव होने की सलाह देता है.

3 Idiots का रैंचो इंजीनियरिंग के किस ब्रांच का स्टूडेंट?

फिल्म की एक सीन में रैंचो अपने दोस्त जॉय लोबो के फेंके हुए ड्रोन को बनाता है और उड़ाता है. वहीं, एक सीन में वो हॉस्टल मेस में रखे फ्रीज को खोल देता है जो बंद नहीं होता है. ऐसे में मशीन लर्निंग, ड्रोन बनाना और इलेक्ट्रॉनिक मशीनों को खोलना बनाना मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पार्ट है.

हालांकि, फिल्म में दिखाया गया ये सब रैंचो के अद्भुत टैलेंट और समझदारी को दिखाता है, लेकिन असली इंजीनियरिंग की पढ़ाई सिर्फ मज़े और प्रयोगों तक सीमित नहीं होती. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ड्रोन बनाना, मशीन खोलना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण समझना शामिल हो सकता है, लेकिन रैंचो का असली कमाल उसकी क्रिएटिविटी, प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल और सीखने का तरीका है.

छात्रों के लिए बेस्ट फिल्म

फिल्म 3 इडियट्स में पढ़ाई में डर, मार्क्स की टेंशन को दूर करना सिखाता है. यह फिल्म कहती है कि ग्रेड्स सिर्फ नंबर हैं, असली इंजीनियरिंग तो है अपनी सोच, दोस्ती और क्रिएटिव आइडियाज में. रैंचो की तरह सोचो, प्रयोग करो, गलती करो और सीखो क्योंकि लाइफ सिर्फ बोर्ड और नोट्स तक सीमित नहीं है, बल्कि मस्ती और स्मार्ट तरीके से सीखने का नाम है.

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