बिहार के मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए Good News! बढ़ाई गईं नीट पीजी की सीटें
Bihar NEET PG Seats: बिहार के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पीजी सीट्स की संख्या बढ़ाकर 204 कर दी गई है. पहले से राज्य में 192 सीटें थीं. वहीं अब 12 नई सीटों को स्वीकृति मिल गई है. यहां देखें किन जिलों में कितनी सीटें बढ़ाई गई हैं.
Bihar NEET PG Seats: अगर आप बिहार के रहने वाले हैं या बिहार से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. बिहार के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पीजी सीट्स की संख्या बढ़ाकर 204 कर दी गई है. पहले से राज्य में 192 सीटें थीं. वहीं अब 12 नई सीटों को स्वीकृति मिल गई है. इसके तहत अलग-अलग जिलों में मेडिकल की सीटें बढ़ी हैं.
Bihar NEET PG Seats: सभी जिलों में सीट्स बढ़ाने की तैयारी
पीजी की कुल सीटों में 50 प्रतिशत बिहार के मेडिकल कॉलेजों से पास हुए MBBS के लिए आरक्षित रखी जाएंगी. स्वास्थ्य विभाग की तैयारी है कि बिहार के सभी जिले के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में पीजी की सीटें उपलब्ध हों. इसकी तैयारी में सभी संस्थान को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
Bihar NEET PG Seats: इन जिलों में बढ़ाई गई हैं सीटें
- दरभंगा मेडिकल कॉलेज- साइकेट्री में 2 सीटें बढ़ाई जा रही हैं
- सीवान जिला अस्पताल- ओबीजी (Obstetrics & Gynecology) में 2 सीटें बढ़ेंगी
- सारण मेडिकल कॉलेज- जनरल मेडिसिन में 2 सीटें और एनेस्थिसिया में 2 सीटें
- मधेपुरा जिला अस्पताल- ओबीजी में 4 सीटें
Bihar NEET PG Seats: नीट यूजी की सीटें तुलनात्मक रूप से ज्यादा हैं
पहले से राज्य के 21 जिलों में मेडिकल पीजी की पढ़ाई की स्वीकृति मिली हुई थी. वहीं अब मेडिकल पीजी की सीटें बढ़ाई गईं. मालूम हो कि प्रदेश में एमबीबीएस यानी कि नीट यूजी की सीटें तीन हजार से अधिक हैं. सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को मिला दिया जाए तो बिहार में नीट यूजी की सीटें लगभग 3170 हैं.
Bihar NEET PG Seats: 60 और सीटें बढ़ने की उम्मीद
स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी के अनुसार, डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (DNB) के तहत और 60 सीटें बढ़ सकती हैं. इसका प्रस्ताव राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड (NBEMS) के पास लंबित है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इन सीटों को स्वीकृति मिल जाएगी.
Bihar NEET PG Seats: हेल्थ एक्सपर्ट की कमी होगी दूर
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इससे नीट पीजी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. राज्य के MBBS डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टर्स को दूसरे राज्यों में पढ़ने जाने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा. साथ ही राज्य (बिहार) में हेल्थ एक्सपर्ट की कमी भी दूर होगी.
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