UG कोर्सेज के छात्रों को अब इंग्लिश, हिंदी के अलावा 11 अन्य भाषाओं में भी एग्जाम देने का मिलेगा विकल्प

बीए, बीकॉम और बीएससी जैसे कोर्सेज के एग्जाम में बदलाव किये जा रहे हैं. अब स्टूडेंट्स को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य 11 भारतीय भारतीय भाषा में एग्जाम देने का मौका मिलेगा. इसके लिए इन कोर्सेज में पढ़ाई जाने वाली किताबों का अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2022 12:00 PM

देश में होने वाले बीए, बीकॉम और बीएससी जैसे कोर्सेज के एग्जाम में बदलावा होने वाला है. अब तक जहां Undergraduate Courses के एग्जाम इंग्लिश या हिंदी में लिये जाते थे वहीं अब अन्य 11 भारतीय भाषाओं में भी लिये जायेंगे. यानी अब स्टूडेंट्स को अपनी मातृभाषा में एग्जाम देने का मौका मिलेगा. इस तरह वे अपनी भाषा में ग्रेजुएश कोर्स कर पाएंगे. इसके लिए विभन्न यूजी कोर्सेज की किताबों को मराठी, उड़िया, तमिल, तेलुगु, बंगाली, गुजराती, मलयालम और कन्नड़ समेत अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है.

यूजीसी विभिन्न प्रकाशकों के साथ मिल कर काम कर रहा

इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC), केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक पहल के तहत विभिन्न भारतीय भाषाओं में अंग्रेजी किताबों का अनुवाद करने के लिए विभिन्न प्रकाशकों के साथ मिल कर काम कर रहा है. नरोसा पब्लिशर्स, वाइवा बुक्स, एस. चंद पब्लिशर्स, पियर्सन इंडिया, विकास पब्लिशिंग, न्यू एज पब्लिशर्स, महावीर पब्लिकेशन्स, यूनिवर्सिटीज प्रेस और टैक्समैन पब्लिकेशन्स इस प्रक्रिया में शामिल कुछ प्रमुख प्रकाशन हैं. इनके साथ ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, ओरिएंट ब्लैकस्वान और एल्सेवियर के प्रतिनिधी भी उच्च स्तरीय बैठक में शामिल हुए.

ग्रेजुएशन की इंग्लिश किताबों को भारतीय भाषाओं में लाने की तैयारी

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत यूजीसी देशभर के हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन्स में यूजी प्रोग्राम की सबसे लोकप्रिय किताबों को ट्रांसलेट कराने की दिशा में काम कर रहा है. यूजीसी ने हाल ही में विली इंडिया, स्प्रिंगर नेचर, टेलर एंड फ्रांसिस, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया, सेंगेज इंडिया और मैकग्रा हिल, भारत के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय भाषाओं में ग्रेजुएशन की इंग्लिश किताबों को लाने पर विचार-विमर्श किया था.

Also Read: Visualisation of Digital India by New India विषय पर छात्रों के लिए पेंटिंग कंपीटिशन, 25 दिसंबर तक मौका
किताबें डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध कराने की तैयारी

UGC के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने इस बारे में साफ किया है कि आयोग पब्लिशर्स को किताबों, ट्रांसलेशन टूल्स और एडिटिंग एक्सपर्ट्स की पहचान के संबंध में मदद मुहैया कराने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा. यूजीसी का मकसद किताबों को डिजिटल फॉर्मेट में किफायती बनाना है. आयोग दो तरह से आगे बढ़ेगा, जिसमें यूजी कोर्सेज की पॉपुलर किताबों की पहचान की जाएगी और उनका अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा.

Next Article

Exit mobile version