Vodafone Idea में 6 अरब डॉलर की डील की गूंज! शेयरों में उछाल, क्या TGH संभालेगा कंपनी की कमान?

Vodafone Idea: वोडाफोन आइडिया के लिए हालात बदल सकते हैं. अमेरिकी फर्म टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH) कंपनी में अरबों डॉलर झोंकने की तैयारी में है, लेकिन यह सौदा तभी होगा जब सरकार कर्ज और AGR बकाए पर राहत देगी. अगर डील पक्की होती है, तो TGH कंपनी की बागडोर संभाल लेगा और वोडाफोन-आदित्य बिड़ला ग्रुप का कंट्रोल खत्म हो सकता है. शेयरों में उछाल ने निवेशकों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, लेकिन असली सवाल यही है की क्या सरकार हरी झंडी दिखाएगी या यह मौका भी हाथ से निकल जाएगा?

By Soumya Shahdeo | November 3, 2025 3:55 PM

Vodafone Idea: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) के शेयर 3 नवंबर को 4.5% तक बढ़े, जब यह खबर सामने आई कि अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH) कंपनी में 4 से 6 अरब डॉलर (करीब 33 से 50 हजार करोड़ रुपये) का निवेश करने की तैयारी में है. इस रिपोर्ट के बाद निवेशकों में नई उम्मीद जागी है.

क्या डील पक्की है?

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह निवेश तभी होगा जब भारत सरकार कंपनी के सभी बकाए और AGR (Adjusted Gross Revenue) से जुड़ी देनदारियों को लेकर एक व्यापक राहत पैकेज देने को तैयार होगी. अगर डील होती है, तो TGH को कंपनी का प्रमोटर स्टेटस मिलेगा और वह अदित्य बिड़ला ग्रुप और ब्रिटेन की वोडाफोन से ऑपरेशनल कंट्रोल अपने हाथ में ले लेगा.

कंपनी की मौजूदा स्थिति क्या है?

वोडाफोन आइडिया पहले से ही भारी कर्ज के बोझ में है. कंपनी के शेयर शुक्रवार को 8.85 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जो दिन के उच्च स्तर 9.20 रुपये को छूकर वापस आए है. साल 2025 की शुरुआत से अब तक शेयर में लगभग 15% की बढ़त देखी गई है. फिलहाल, सरकार के पास 48.99% हिस्सेदारी है, जबकि अदित्य बिड़ला ग्रुप के पास 9.50% और वोडाफोन पीएलसी के पास 16.07% शेयर हैं.


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सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला क्या कहता है?

पिछले हफ्ते कंपनी के शेयरों पर दबाव तब बढ़ा जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राहत केवल वित्त वर्ष 2016-17 तक के AGR बकाए पर ही लागू होगी. कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यह आदेश सिर्फ वोडाफोन आइडिया पर लागू होता है.

निवेशकों के लिए आगे क्या?

अगर TGH का निवेश होता है, तो कंपनी को नई पूंजी और तकनीकी सपोर्ट मिल सकता है, जिससे उसकी सर्विस और नेटवर्क क्षमता में सुधार आएगा. लेकिन सब कुछ सरकारी राहत पैकेज पर निर्भर है. अब बाजार की नजरें इस डील की आधिकारिक पुष्टि पर टिकी हैं.

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