US Fed Rate Cut: अमेरिका से बड़ी खबर, फेड ने की रेट कटौती, क्या भारतीय बाजार में बदलेगा माहौल?

US Fed Rate Cut: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने रोजगार बाजार की कमजोरी और मध्यम आर्थिक गति को देखते हुए फेडरल फंड्स रेट में 25 बेसिस पाइंट की कटोति की है. नई दर सीमा 3.5 से 3.75 प्रतिश्त हो गई. फेड ने कहा कि महंगाई अब भी ऊंची है और आर्थिक जोखिम बरकरार हैं.

By Abhishek Pandey | December 11, 2025 10:01 AM

US Fed Rate Cut: अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने बुधवर को अपनी बैठक के बाद फेडरल फंड्स रेट में 25 बेसिस पाइंट (0.25 प्रतिश्त) की कटौती का एलान किया. जेरोम पावेल की अध्यक्षता वाली फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब रोजगार बाजार में कमजोरी के संकेत बढ रहे हैं और अर्थव्यवस्था की रफ्तार मध्यम स्तर पर टिकी हुई है. नई दर सीमा अब 3.5 प्रतिश्त से 3.75 प्रतिश्त हो गई है, जो पहले 3.75 से 4 प्रतिश्त थी.

अर्थव्यवस्था की चाल मध्यम, रोजगार बाजार में नरमी

फेड ने अपने बयान में कहा कि उपलब्ध संकेतक दिखाते हैं कि अमेरिकी आर्थिक गतिविधि अब भी मध्यम रफ्तार से बढ रही है. साल की शुरुआत की तुलना में रोजगार वृद्धि धीमी पडी है और सितम्बर तक बेरोजगारी दर में हल्की बढोतरी देखी गई. फेड के अनुसार हाल के आंकडे इन ही प्रवृत्तियो की पुष्टि करते हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि श्रम बाजार पहले जितना मजबूत नहीं रहा और नियोक्ताओ की तरफ से नई भर्तियो की गति कम हुई है.

महंगाई अब भी ऊंची, आर्थिक जोखिम बरकरार

फेड ने माना कि साल की शुरुआत की तुलना में महंगाई दोबारा बढने लगी है और अभी भी लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. इसके साथ ही, आर्थिक परिद्रश्य को लेकर अनिश्चितता काफी अधिक है. कमिटी ने कहा कि फिलहाल वह अपनी दोहरी जिम्मेदारियो—अधिकतम रोजगार और 2 प्रतिश्त महंगाई, दोनों पक्षो पर बढते जोखिमो को ध्यानपूर्वक देख रही है. रोजगार से जुडे निचले जोखिम हाल के महीनो में बढे हैं, जिस वजह से नीतिगत संतुलन को बदलना जरुरी हो गया.

आगे की दर नीति पर सतर्कता, आंकडो के आधार पर होगा फैसला

एफओएमसी ने साफ किया कि वह आने वाले महीनो में नये आर्थिक आंकडो, घरेलू और वैश्विक परिस्थितियो, वित्तीय संकेतको और बदलते जोखिम वातावरण का बारीकी से आकलन करेगी. समिति ने कहा कि जरूरत पडने पर ब्याज दरो में और बदलाव भी किये जा सकते हैं, ताकि 2 प्रतिश्त की महंगाई के लक्ष्य और रोजगार के अधिकतम स्तर को बिना बाधा हासिल किया जा सके. फेड ने यह भी उल्लेख किया कि वह आर्थिक परिद्रश्य पर नयी सूचनाओ के प्रभावो पर लगातार नजर रखेगी और अपनी नीति स्थिति को उसी अनुसार समायोजित करने के लिए तैयार रहेगी.

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