ट्रंप के टैरिफ से निर्यातकों को बचाने की खातिर काम कर रही सरकार, सीईए ने किया खुलासा

Trump Tariff: ट्रंप के टैरिफ से भारतीय निर्यातकों पर बड़ा असर पड़ा है। अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50% शुल्क लगाया है, जिससे कालीन समेत कई उद्योग प्रभावित हुए हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने खुलासा किया कि सरकार विभिन्न मंत्रालयों और निर्यात संगठनों के साथ मिलकर रणनीति बना रही है. लक्ष्य प्रभावित इकाइयों को वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं देकर संकट से उबारना है. सरकार की सक्रियता से उम्मीद है कि निर्यातकों को राहत मिलेगी और अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ेगी.

By KumarVishwat Sen | August 31, 2025 6:04 AM

Trump Tariff: अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय सामानों पर 50% का टैरिफ लगा दिया है. इस फैसले से भारत के कई निर्यात क्षेत्रों पर गहरा असर पड़ने की आशंका है. खासकर वे उद्योग प्रभावित होंगे, जिनका निर्यात अमेरिका पर निर्भर है. इस बढ़े टैरिफ के बाद निर्यातकों के सामने प्रतिस्पर्धा की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अनंत नागेश्वरन ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार निर्यातकों को बचाने के लिए काम कर रही है.

सरकार की रणनीति और मंत्रालयों की भागीदारी

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अनंत नागेश्वरन ने कहा कि केंद्र सरकार प्रभावित निर्यात क्षेत्रों को बचाने के लिए लगातार काम कर रही है. पिछले तीन-चार दिनों से मंत्रालयों, निर्यात संवर्धन एजेंसियों, निजी क्षेत्र और विभिन्न प्रतिनिधि निकायों के साथ गहन बातचीत हो रही है. वित्त मंत्रालय और संबंधित विभाग एक व्यापक रणनीति तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय तक काम कर रहे हैं.

संकट से निपटने के लिए आर्थिक सहायता का वादा

अनंत नागेश्वरन ने स्पष्ट किया कि सरकार का मुख्य लक्ष्य प्रभावित निर्यात इकाइयों को वित्तीय सहायता और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना है. इससे कंपनियों को मौजूदा संकट से न केवल बाहर निकलने में मदद मिलेगी, बल्कि वे भविष्य में भी मजबूती से खड़ी रह पाएंगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी विस्तृत योजना का खुलासा नहीं किया जा सकता.

संकट को अवसर में बदलने की दृष्टि

सीईए ने कहा कि छोटे-बड़े संकट अक्सर समाज और व्यवस्था के सभी वर्गों के लिए उत्प्रेरक का काम करते हैं. ऐसे समय में सरकार, निजी क्षेत्र और परिवार तक सभी सक्रिय होकर आवश्यक कदम उठाते हैं. यही कारण है कि मौजूदा परिस्थितियों को अवसर में बदलने की कोशिश की जा रही है.

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती बरकरार

नागेश्वरन ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि दर उम्मीद से बेहतर रही है और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और लचीलापन झलकता है. 2014 से अब तक सरकार की विभिन्न नीतियों और पहलों के कारण अर्थव्यवस्था की गति बनी हुई है.

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दूसरी तिमाही पर पड़ सकता है असर

हालांकि, सीईए ने यह स्वीकार किया कि अमेरिका के साथ मौजूदा व्यापार गतिरोध के चलते दूसरी तिमाही में असर देखने को मिल सकता है. लेकिन, सरकार की समय पर की गई कोशिशों और निर्यातकों को दी जाने वाली राहत से इस असर को कम करने की उम्मीद जताई जा रही है.

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