Stock Market: साल के आखिरी दिन बाजार ने दिखाई मजबूती, निवेशकों की बढ़ी खरीदारी

Stock Market: विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में बाजार की चाल कई कारकों पर निर्भर करेगी. इनमें भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते से जुड़ी खबरें, दिसंबर के ऑटो सेल्स के आंकड़े, केंद्रीय बजट की घोषणाएं, तीसरी तिमाही के कॉर्पोरेट नतीजे, और अमेरिका के फेडरल रिजर्व की संभावित नीतियां शामिल हैं.

By Abhishek Pandey | December 31, 2025 4:22 PM

Stock Market: 2025 के आखिरी कारोबारी दिन, बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में मजबूत तेजी देखने को मिली. साल के अंत में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने के बावजूद निवेशकों की वैल्यू बायिंग से सेंसेक्स 0.64% या 545 अंक की बढ़त के साथ 85,220 अंकों पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 0.74% यानी 191 अंक बढ़कर 26,130 अंक पर पहुंच गया. दिन की शुरुआत धीमी रही, लेकिन धीरे-धीरे सकारात्मक रुख ने बाजार में मजबूती दिखाई.

आने वाले दिनों में बाजार की दिशा

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में बाजार की चाल कई कारकों पर निर्भर करेगी. इनमें भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते से जुड़ी खबरें, दिसंबर के ऑटो सेल्स के आंकड़े, केंद्रीय बजट की घोषणाएं, तीसरी तिमाही के कॉर्पोरेट नतीजे, और अमेरिका के फेडरल रिजर्व की संभावित नीतियां शामिल हैं. ये सभी घटनाएं बाजार के रुख को प्रभावित कर सकती हैं.

विशेषज्ञों की राय

Geojit Investments के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार, बाजार में ऊपर की ओर रुझान की संभावना है, लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और भारत-अमेरिका व्यापार सौदे से सकारात्मक खबरों के अभाव ने बाजार को दबाव में रखा है. उन्होंने Q3 के नतीजों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी, क्योंकि यह कंपनी के मुनाफे में संभावित वृद्धि का संकेत दे सकते हैं. 2025 में सेंसेक्स और निफ्टी ने 8-10% की वृद्धि की, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम रही.

सेक्टर वाइस प्रदर्शन और चांदी की कीमतें

सरकार द्वारा चुने हुए स्टील उत्पादों पर 11-12% तीन साल के लिए आयात शुल्क लगाने से मेटल सेक्टर में तेजी आई है. Enrich Money के CEO पोनमुदी आर ने बताया कि जोखिम लेने की भावना में सुधार हुआ है, जिससे बाजार में शॉर्ट कवरिंग और चयनित खरीदारी देखने को मिली.

तेल और गैस सेक्टर ने भी मजबूत मांग और बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन के कारण बढ़त दर्ज की. वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतें लगभग 8% तक गिर गईं, जबकि MCX पर चांदी लगभग 5% नीचे आ गई. पोनमुदी ने कहा कि अल्पकालिक दबाव के बावजूद चांदी की लंबी अवधि में तेजी बनी रहेगी.

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