Share Market : शेयर बाजार में वापसी की दस्तक, सीजफायर के बाद फिर से चमका सेंसेक्स-निफ्टी

Share Market: को भारतीय शेयर बाजार में तेजी रही, सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान में खुले. मंगलवार की गिरावट के बाद निवेशकों ने खरीदारी की. हालांकि, विदेशी निवेशकों की फ्यूचर्स मार्केट में बिकवाली चिंता का विषय है. घरेलू निवेशकों और डीआईआई ने मोर्चा संभाला है.

By Abhishek Pandey | May 14, 2025 10:42 AM

Share Market : भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार को एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली.मंगलवार की गिरावट के बाद बुधवार को बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई.BSE सेंसेक्स सुबह के सत्र में 81,278.49 पर खुला, जो 130.27 अंक या 0.16% की बढ़त है.वहीं, NSE का निफ्टी 50 35.50 अंक या 0.14% की तेजी के साथ 24,613.80 पर पहुंच गया.

कौन चमका, कौन फिसला

शुरुआती कारोबार में टाटा स्टील, भारती एयरटेल, श्रीराम फाइनेंस, टेक महिंद्रा और JSW स्टील जैसे शेयरों ने अच्छी बढ़त दर्ज की.वहीं दूसरी तरफ, टाटा मोटर्स, सिप्ला, हीरो मोटोकॉर्प, एशियन पेंट्स और आइशर मोटर्स के शेयरों में गिरावट देखी गई.

मंगलवार को हुई मुनाफावसूली

मंगलवार के सत्र में निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिसकी वजह रही भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद आई स्थिरता.इसी के चलते मंगलवार को बाजार में भारी गिरावट दर्ज हुई और दोनों इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए.

FPI की बिकवाली चिंता का कारण

बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा का कहना है कि सोमवार को जो 4 साल की सबसे बड़ी तेजी आई थी, उसके बाद मंगलवार को मुनाफावसूली लाजिमी थी.लेकिन चिंता की बात यह है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने न सिर्फ कैश मार्केट में बिकवाली की, बल्कि फ्यूचर्स मार्केट में भी जबरदस्त सेलिंग की, जो बाजार के लिए संकेतक है कि आगे चाल कमजोर हो सकती है.

घरेलू निवेशकों ने दिखाई हिम्मत

बग्गा बताते हैं कि इस बिकवाली के बीच घरेलू रिटेल निवेशकों और DII (डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) ने मोर्चा संभाला.उन्होंने फ्यूचर्स मार्केट में कॉन्ट्रा पोजीशन लेते हुए भारी खरीदारी की.डीआईआई की यह खरीददारी म्यूचुअल फंड में बढ़ते निवेश और अतिरिक्त नकदी के उपयोग का नतीजा रही.

सीजफायर के बाद फिर से पटरी पर बाजार

वेल्थ मैनेजमेंट फर्म बर्नस्टीन ने एक नोट में कहा कि भारतीय बाजार अब उस उतार-चढ़ाव से उबर रहा है जो भारत-पाकिस्तान सीज़फायर के बाद बना था.जनवरी में किए गए उनके ‘बाय’ अपग्रेड के पीछे यही विचार था कि मैक्रोइकोनॉमिक स्थितियां अब निचले स्तर पर हैं और वैश्विक घटनाओं का असर सीमित रहेगा.

टेक्निकल एनालिस्ट की नजर

आशीका इंस्टिट्यूशनल इक्विटी के टेक्निकल और डेरिवेटिव्स एनालिस्ट सुंदर केवत का कहना है कि फिलहाल बाजार रेंज-बाउंड है और निवेशक भारत-पाकिस्तान सीज़फायर को लेकर सतर्क रुख अपना रहे हैं.यही कारण है कि सेक्टर-विशेष और स्टॉक-विशेष गतिविधियां आगे भी देखने को मिलेंगी.

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