पीआरपी, वेतन समझौता, नयी प्रोमोशन नीति पर चर्चा के लिए सेल के साथ सेफी की बैठक 17 अक्टूबर को

वेतन समझौता, नयी प्रोमोशन नीति सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (SEFI) की ऑनलाइन बैठक में बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (BSOSA) सहित अन्य इकाई की अधिकारी यूनियन शामिल हुई. भारतीय इस्पात प्राधिकरण (SAIL) के साथ 17 अक्टूबर, 2020 को बैठक करने का निर्णय लिया गया. बैठक के बाद आगे की रणनीति तय करने पर सहमति बनी.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 12, 2020 3:00 PM

बोकारो (सुनील तिवारी) : पीआरपी, वेतन समझौता, नयी प्रोमोशन नीति सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (SEFI) की ऑनलाइन बैठक में बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (BSOSA) सहित अन्य इकाई की अधिकारी यूनियन शामिल हुई. भारतीय इस्पात प्राधिकरण (SAIL) के साथ 17 अक्टूबर, 2020 को बैठक करने का निर्णय लिया गया. बैठक के बाद आगे की रणनीति तय करने पर सहमति बनी.

वित्तीय वर्ष 2019-20 में सेल द्वारा 3,171 करोड़ रुपये लाभ अर्जित किया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में सेल ने 3,338 करोड़ का लाभ कमाया था. पिछले तीन वर्षों के वित्तीय परिणामों के आधार पर सेल का तीन वर्षों का औसत लाभ 1,917 करोड़ रुपये आता है. इस आधार पर वेतन समझौता जल्द किया जाना चाहिए. बीएसएल-सेल में 19 हजार अधिकारी कार्यरत हैं. इसको लेकर बोसा-सेफी गंभीर है.

वेतन समझौता जनवरी 2017 से लंबित

बीएसएल सहित भारतीय इस्पात प्राधिकरण-सेल के 70 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन समझौता एक जनवरी, 2017 से लंबित है. बार-बार मांग उठाने के बाद भी सरकार अब तक पहल नहीं कर सकी है. सेफी ने इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को पत्र लिखकर वेतन समझौता कराने की मांग की है. विपरीत परिस्थितियों में भी सेल के अधिकारियों ने सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है.

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वेतन निर्धारण में विलंब हो चुका है : एके सिंह

बोसा के चेयरमैन एके सिंंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने जून, 2016 में सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) के अधिकारियों के वेतन निर्धारण के लिए तीसरी पे-रिवीजन कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी की सिफारिशों को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है. इन सिफारिशों के कारण सेल व राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) में कार्यरत अधिकारियों के वेतन निर्धारण में विलंब हो चुका है.

बैंक से ली गयी राशि पर भारी ब्याज से लाभ कम

श्री सिंह ने कहा कि कमेटी की अनुशंसा में सार्वजनिक उपक्रमों के विगत तीन वर्षों के औसत वित्तीय निष्पादन को आधार मानकर वेतन निर्धारण की अनुशंसा की गयी, जबकि पे-रिवीजन 10 वर्षों के लिए किया जाता है. सेल के आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण में 70 हजार करोड़ का भारी निवेश किया गया. बैंक से ली गयी राशि पर भारी ब्याज दिया जा रहा है. इस कारण ही सेल का लाभ कम हो गया है. कर्मी अपना बेस्ट दे रहे हैं.

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Posted By : Mithilesh Jha

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