सेबी ने फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल को 2 साल के लिए किया बैन, 20 लाख का लगाया जुर्माना

SEBI Action: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल लिमिटेड (एफओसीएल) पर बड़ा एक्शन लेते हुए दो साल के लिए किसी नए काम पर रोक लगा दी है और कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सेबी ने पाया कि एफओसीएल ने गलत जानकारी दी, नियमों का उल्लंघन किया और नेटवर्थ की शर्त पूरी नहीं की. यह कार्रवाई वित्तीय अनुशासन और बाजार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए की गई है.

By KumarVishwat Sen | October 23, 2025 8:56 PM

SEBI Action: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल लिमिटेड (एफओसीएल) के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए कंपनी को दो साल के लिए किसी भी नए काम से प्रतिबंधित कर दिया है. सेबी ने कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. नियामक संस्था ने पाया कि एफओसीएल ने गलत और भ्रामक जानकारी दी, अंडरराइटिंग सीमाओं का उल्लंघन किया और अपने कई वैधानिक दायित्वों को पूरा नहीं किया.

नियामक के आदेश में गंभीर आरोप

सेबी के 43-पृष्ठ के आदेश में कहा गया है कि एफओसीएल ने अंडरराइटिंग प्रतिबद्धताओं के तहत प्राप्त प्रतिभूतियों की सूचना नियामक को देने में विफलता दिखाई. इसके अलावा, कंपनी ने अर्धवार्षिक रिपोर्ट दाखिल करने में देरी की, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों का आवश्यक एनआईएसएम प्रमाणन सुनिश्चित नहीं किया और अपनी वेबसाइट पर ट्रैक रिकॉर्ड का खुलासा नहीं किया.

क्या कहते हैं सेबी के अधिकारी

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने आदेश में कहा कि एफओसीएल वित्त वर्ष 2018-19 से निवल संपत्ति की आवश्यकताओं का पालन नहीं कर रही थी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निवल संपत्ति की आवश्यकता कोई “कागजी शर्त” नहीं है, बल्कि यह कंपनियों की वित्तीय स्थिरता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण नियम है.

जांच में सामने आई गंभीर अनियमितताएं

सेबी ने अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक एफओसीएल की गतिविधियों का निरीक्षण किया. इस जांच के दौरान पाया गया कि कंपनी पांच करोड़ रुपये की अनिवार्य निवल संपत्ति बनाए रखने में विफल रही. यह सेबी के मर्चेंट बैंकर नियमों का स्पष्ट उल्लंघन था. जांच में यह भी पाया गया कि कंपनी ने केवल प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्देशों के बाद ही कुछ अनुपालन पूरे किए.

निलंबन और बैन दोनों लागू

इन गंभीर उल्लंघनों के चलते सेबी ने एफओसीएल पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उसे दो साल के लिए प्रतिभूति बाजार में किसी भी तरह के नए लेनदेन से प्रतिबंधित कर दिया. इसके साथ ही, सेबी ने कंपनी के पंजीकरण प्रमाणपत्र को पहले ही दो महीने के लिए निलंबित कर दिया था.

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सेबी का सख्त रुख जारी

हाल के वर्षों में सेबी निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लगातार सख्त रुख अपना रही है. फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल पर की गई यह कार्रवाई बाजार में अनुशासन और जिम्मेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है.

भाषा इनपुट के साथ

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