SBI को मिली संकटग्रस्त Yes Bank में 7,250 करोड़ रुपये लगाने की मंजूरी

संकटग्रस्त Yes Bank को संभालने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने बीते दिनों उसकी 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया था. गुरुवार को एसबीआई ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE को जानकारी दी है कि उसके केंद्रीय बोर्ड की कार्यकारी समिति ने बीते 10 मार्च को यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये लगाने की मंजूरी दे दी है.

By KumarVishwat Sen | March 12, 2020 8:24 PM

मुंबई : भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को संकटग्रस्त यस बैंक (Yes Bank) में 7,250 करोड़ रुपये लगाने की मंजूरी मिल गयी है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. एसबीआई ने बीएसई (BSE) को बताया कि केंद्रीय बोर्ड की कार्यकारी समिति की 11 मार्च को हुई बैठक में 10 रुपये प्रति शेयर की दर से यस बैंक के 725 करोड़ शेयर खरीदने को मंजूरी दी गयी. अभी इस सौदे को नियामकीय मंजूरियां मिलनी की हैं.

इस सौदे के बाद यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी उसकी कुल भुगतान पूंजी के 49 फीसदी से ऊपर नहीं जाएगी. रिजर्व बैंक ने यस बैंक की पुनर्संरचना को लेकर पिछले सप्ताह एक योजना के मसौदे की घोषणा की थी. मसौदे में कहा गया था कि रणनीतिक निवेशक को यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी होगी.

इसके साथ ही, शर्त यह भी है कि रणनीतिक निवेशक सौदे के तीन साल बाद तक अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने यस बैंक का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के एक दिन बाद इस योजना की घोषणा की थी. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को संकटग्रस्त यस बैंक (Yes Bank) में 7,250 करोड़ रुपये लगाने की मंजूरी मिल गयी है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. एसबीआई ने बीएसई (BSE) को बताया कि केंद्रीय बोर्ड की कार्यकारी समिति की 11 मार्च को हुई बैठक में 10 रुपये प्रति शेयर की दर से यस बैंक के 725 करोड़ शेयर खरीदने को मंजूरी दी गयी. अभी इस सौदे को नियामकीय मंजूरियां मिलनी की हैं.

इस सौदे के बाद यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी उसकी कुल भुगतान पूंजी के 49 फीसदी से ऊपर नहीं जाएगी. रिजर्व बैंक ने यस बैंक की पुनर्संरचना को लेकर पिछले सप्ताह एक योजना के मसौदे की घोषणा की थी. मसौदे में कहा गया था कि रणनीतिक निवेशक को यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी होगी.

इसके साथ ही, शर्त यह भी है कि रणनीतिक निवेशक सौदे के तीन साल बाद तक अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने यस बैंक का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के एक दिन बाद इस योजना की घोषणा की थी.

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