Rupee vs Dollar: डॉलर के मुकाबले औंधे मुंह गिरकर 20 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

गुरुवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले काफी पिछड़ता हुआ नजर आया. रुपया 90 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.86 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ. फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरें बढ़ाने और आगे भी सख्त रुख बनाए रखने के कारण भी रुपये में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है.

By Pritish Sahay | September 23, 2022 6:45 AM

बीते बुधवार से रुपये में जारी गिरावट गुरुवार को भी नहीं थमीं. गुरुवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले काफी पिछड़ता हुआ नजर आया. रुपया 90 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.86 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ. इससे इतर डॉलर में पिछले 20 सालों में सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला है. गौरतलब है कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरें बढ़ाने और आगे भी सख्त रुख बनाए रखने के कारण भी रुपये में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है.

क्यों गिर रहा है रुपया: गौरतलब है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बेतहाशा महंगाई पर कंट्रोल करने के लिए ब्याज दर 0.75 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है. यह लगातार तीसरी बार है जब फेडरल रिजर्व ने इजाफा किया है. वहीं, रुपये में जारी गिरावट को लेकर कई जानकारों की राय है कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के कारण रुपये की कीमत गिर रही है.

डॉलर इंडेक्स दो देशों के सबसे ऊंचे स्तर पर: आज रुपये में बड़ी के गिरावट से इतर डॉलर इंडेक्स में इजाफा देखने को मिला. डॉलर इंडेक्स आज 111 को भी पार कर गया जो बीते 20 सालों में सबसे ऊपरी स्तर है. दरअसल, अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75 बेसिस पॉइंट के इजाफे से बाजार काफी प्रभावित हुआ.

इन बैंकों पर होगी नजर: गौरतलब है कि अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया आज 80.27 पर खुला. कारोबार के दौरान इसमें और गिरावट दर्ज की गई. देखते ही देखते रुपया गिरकर 80.95 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. बाजार बंद होने तक यह 80.86 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 90 पैसे की गिरावट है. वहीं, विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि अब सारा ध्यान बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति पर रहेगा.

जानकारों की राय: एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, फेडरल रिजर्व के आक्रामक रूख और रूस तथा यूक्रेन के बीच भू राजनीतिक तनाव और बढ़ने से प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी आई. अन्य एशियाई मुद्राओं की तरह रुपया भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. उन्होंने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती आने के बाद भी रुपये में गिरावट का मौजूदा रुख जारी रह सकता है.

भाषा इनपुट के साथ

Also Read: ICICI Bank Bonanza Offer: फेस्टिव सीजन में दमदार ऑफर, खरीदारी पर 25000 रुपये तक की छूट, कैशबैक का भी लाभ

Next Article

Exit mobile version