Russian Oil Imports: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रूस से तेल आयात किया बंद, 20 नवंबर से प्रभावित

Russian Oil Imports: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 20 नवंबर से अपनी एक्सपोर्ट-उन्मुख रिफाइनरी में रूस से कच्चे तेल का आयात पूरी तरह बंद कर दिया है. यह निर्णय अमेरिका द्वारा रूस की तेल कंपनियों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के बाद आया है. दिसंबर से रिफाइनरी पूरी तरह गैर-रूसी तेल से काम करेगी. जामनगर की दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी लंबे समय से रूसी तेल पर निर्भर रही है, लेकिन भू-राजनीतिक दबाव और व्यापारिक चुनौतियों ने रणनीति बदल दी है. भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की बातचीत भी जारी है.

By KumarVishwat Sen | November 20, 2025 10:07 PM

Russian Oil Imports: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिफाइनरी में प्रोसेसिंग के लिए रूस से कच्चे तेल आयात पूरी तरह से बंद कर दिया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुरुवार को कहा कि उसने 20 नवंबर से अपनी सिर्फ एक्सपोर्ट के लिए बनी रिफाइनरी में प्रोसेसिंग के लिए रूसी तेल का इंपोर्ट बंद कर दिया है. भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनर कंपनी ने यह भी कहा कि 1 दिसंबर से उसी रिफाइनरी से एक्सपोर्ट पूरी तरह से गैर-रूसी तेल से किया जाएगा.

रूसी तेल इंपोर्ट पर रोक क्यों?

यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अक्टूबर में रूस के खिलाफ लगाए गए कठोर प्रतिबंधों के तुरंत बाद लिया गया. इन प्रतिबंधों का लक्ष्य लुकोइल और रोसनेफ्ट जैसी रूस की प्रमुख तेल कंपनियां थीं. रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन और पुतिन के बीच बढ़ते तनाव के चलते ये कदम उठाए गए. भारत में रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार होने के कारण रिलायंस पर इन प्रतिबंधों का सीधा असर पड़ा. कंपनी लंबे समय से स्पॉट मार्केट और लॉन्ग-टर्म डील के माध्यम से रूस से कच्चा तेल खरीदती रही है.

रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी की रूसी तेल पर निर्भरता

रिलायंस का जामनगर स्थित रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनरी सेटअप है, जिसकी प्रोसेसिंग क्षमता 1.4 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) है. कंपनी का रूस की रोसनेफ्ट के साथ लगभग 500,000 बीपीडी तेल खरीदने का लंबी अवधि का करार है. हालांकि, अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद यह डील प्रभावित हुई. सूत्रों के अनुसार, रिलायंस पहले ही इस लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट के तहत तेल लेने में कमी करने का संकेत दे चुकी थी.

सरकारी गाइडलाइंस का पालन करेगी रिलायंस

रिलायंस के प्रवक्ता ने पहले रॉयटर्स को बताया था कि कंपनी अपनी इंपोर्ट रणनीति का “रिकैलिब्रेशन” कर रही है और वह भारत सरकार की सभी नीतियों और निर्देशों का पालन करेगी. इसका मतलब यह था कि कंपनी स्थितियों के अनुसार अपना रूसी तेल आयात घटा या बंद कर सकती है, जो अब लागू हो गया है.

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अमेरिका-भारत व्यापार तनाव का तेल आयात पर असर

ट्रंप प्रशासन ने भारतीय शिपमेंट पर 50% तक टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लिया, जिसमें से लगभग आधा हिस्सा रूस से तेल खरीदने की भारत की नीति से सीधे जुड़ा था. इससे भारत और अमेरिका के बीच व्यापार मुद्दे और गहरे हो गए. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, भारत एक नए व्यापार समझौते पर काम कर रहा है, जिसमें रूस से तेल आयात कम करने के बदले अमेरिका इन भारी टैरिफों को एशियाई देशों के बराबर ला सकता है.

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