प्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरों में 26% बढ़ोतरी कर सकती है सरकार, 15 नवंबर को अधिसूचना होगी जारी
Advertising Rates: सरकार प्रिंट मीडिया के सरकारी विज्ञापन दरों में 26% बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है, जिसकी अधिसूचना 15 नवंबर के बाद जारी होगी. डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया के बढ़ते प्रभाव से पारंपरिक मीडिया की आमदनी घट रही है, जिससे कर्मचारियों की आजीविका प्रभावित हो रही है. सरकार रेडियो, टीवी और डीटीएच सेक्टर में भी सुधार पर काम कर रही है. इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक मीडिया को स्थिरता और निष्पक्ष अवसर देना, विज्ञापन राजस्व बढ़ाना और पूरे मीडिया इकोसिस्टम में संतुलन सुनिश्चित करना है.
Advertising Rates: सरकार पारंपरिक प्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है. वह न्यू मीडिया की वजह से होने वाली बाधाओं से बचाने के तरीकों और साधनों पर काम कर रही है और एक महत्वपूर्ण सुधार पर काम चल रहा है. सूत्रों के हवाले से शनिवार को जानकारी मिली है कि सरकार प्रिंट मीडिया के सरकारी विज्ञापन दरों में 26% बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है. इस बढ़ोतरी के लिए 15 नवंबर के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी.
प्रिंट मीडिया की आमदनी पर ऑनलाइन मीडिया का प्रभाव
देश में डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहे हैं. इस कारण पारंपरिक मीडिया का मुख्य राजस्व स्रोत और विज्ञापन घटता जा रहा है. इसके कारण कई प्रिंट मीडिया हाउसों की कमाई प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों की आजीविका पर दबाव बढ़ा है. सरकार का उद्देश्य इस कमी को कम करना और पारंपरिक मीडिया को स्थिरता प्रदान करना है.
रेडियो सेक्टर में नियामक सुधार
सूत्रों ने बताया कि रेडियो सेक्टर के लिए भी सरकार विकास में बाधा डालने वाली मौजूदा नियामक बाधाओं को हटाने पर विचार कर रही है. इससे रेडियो चैनलों को व्यवसाय में अधिक अवसर और विकास की संभावनाएँ मिल सकेंगी.
टीवी चैनलों की रेटिंग में सुधार
टीवी चैनलों को वर्तमान में रेटिंग सिस्टम में विकृतियों का सामना करना पड़ रहा है. एक सूत्र ने कहा कि सरकार समान अवसर और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रेटिंग प्रणाली में सुधार करने की दिशा में काम कर रही है. इससे विज्ञापन राजस्व में अधिक निष्पक्ष वितरण संभव होगा और चैनलों के व्यवसाय में संतुलन आएगा.
डीटीएच क्षेत्र में सुधार की योजना
सरकार डीटीएच (डाइरेक्ट टू होम) क्षेत्र में भी सुधार पर विचार कर रही है. सरकार का लक्ष्य सुलभता और पहुंच को अधिकतम करना और मुफ्त डिश सेवाओं के लिए लागत संरचना को अधिक कुशल बनाना है. सूत्रों ने बताया कि रेटिंग सुधारों पर पहले ही परामर्श पत्र तैयार किया जा चुका है, जो लागू होने के लिए अंतिम चरण में है.
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पारंपरिक मीडिया का स्थिर भविष्य
सरकार की यह पहल न केवल प्रिंट मीडिया के विज्ञापन राजस्व को बढ़ावा देगी, बल्कि रेडियो, टीवी और डीटीएच क्षेत्रों में भी सुधार लाकर पारंपरिक मीडिया को डिजिटल प्रतिस्पर्धा में जीवित और मजबूत बनाएगी. इससे मीडिया घरानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उनके कर्मचारियों की आजिविका सुरक्षित रहेगी. सरकार के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि पारंपरिक मीडिया को डिजिटल युग में भी समान अवसर और निष्पक्षता मिलनी चाहिए, जिससे पूरे मीडिया इकोसिस्टम में स्थिरता और विकास सुनिश्चित हो सके.
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