PM Modi Appeal: गिफ्ट के पैसों का नमामि गंगे के लिए होगा इस्तेमाल, ऑनलाइन नीलामी में भाग लें नागरिक
PM Modi Appeal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से अपील की है कि वे उन्हें मिले उपहारों की ऑनलाइन नीलामी में भाग लें. यह नीलामी 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगी और इससे प्राप्त राशि नमामि गंगे परियोजना में इस्तेमाल होगी. नीलामी में राम मंदिर का चांदी का मॉडल, भगवान बुद्ध की प्रतिमा, एलोरा मंदिर की पेंटिंग सहित कई अनमोल वस्तुएं शामिल हैं. नागरिक pmmementos.gov.in पर पंजीकरण कर बोली लगा सकते हैं.
PM Modi Appeal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नागरिकों से उन्हें मिले उपहारों की नीलामी में भाग लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि नीलामी से मिलने वाले पैसे नमामि गंगे परियोजना में जाएंगे. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, “पिछले कुछ दिनों से मेरे विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान मुझे मिले विभिन्न उपहारों की ऑनलाइन नीलामी चल रही है. इस नीलामी में बहुत ही रोचक कृतियां शामिल हैं, जो भारत की संस्कृति और रचनात्मकता को दर्शाती हैं. नीलामी से प्राप्त राशि नमामि गंगे में जाएगी. नीलामी में अवश्य भाग लें.”
2 अक्टूबर तक चलेगी गिफ्टों की ई-नीलामी
प्रधानमंत्री को प्राप्त स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी 17 सितंबर को सुबह 10 बजे (प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर) शुरू हुई और 2 अक्टूबर को शाम 5 बजे बंद होगी. पीएम मेमेंटोस की वेबसाइट के अनुसार, चांदी में राम मंदिर का मॉडल, बछड़े के साथ कामधेनु, बेंत के जहाज का मॉडल, लकड़ी का चरखा और अन्य वस्तुएं लाइव नीलामी का हिस्सा हैं. नीलामी की वस्तुओं में एलोरा स्थित कैलासा मंदिर की पेंटिंग, एक जी-20 पोस्टर, तथा बिहार से प्राप्त भगवान बुद्ध की एक फ्रेमयुक्त प्रतिमा आदि भी शामिल हैं.
कहां कराएं रजिस्ट्रेशन
प्रधानमंत्री मोदी के उपहारों की ई-नीलामी में शामिल होने के लिए यूजर्स pmmementos.gov.in पर जाकर एकाउंट का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और नीलामी में उपहारों के लिए बोली लगा सकता है. वेबसाइट पर बताया गया है कि पीएम मेमेंटोस भारत सरकार का एक खुला नीलामी पोर्टल है, जो खरीदारों को उचित पंजीकरण के बाद प्रदर्शित वस्तुओं की ऑनलाइन नीलामी में भाग लेने में सक्षम बनाता है.
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क्या है नमामि गंगे कार्यक्रम
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे केंद्र सरकार ने जून 2014 में एक ‘प्रमुख कार्यक्रम’ के रूप में मंजूरी दी थी. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण निवारण, संरक्षण और पुनरुद्धार के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करना है, जिसका बजट परिव्यय 20,000 करोड़ रुपये है. इसका कार्यान्वयन दो भागों में विभाजित है. इनमें प्रारंभिक स्तर की गतिविधियां और मध्यम अवधि गतिविधियां शामिल हैं , जिनका तत्काल प्रभाव दिखाई देगा. इनका कार्यान्वयन 5 वर्ष की समय-सीमा में किया जाएगा और दीर्घकालिक गतिविधियों का कार्यान्वयन 10 साल की समय-सीमा में किया जाएगा.
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