बिना ID दिखाए 2000 के नोट बदलने वाली याचिका दिल्ली HC से खारिज, RBI ने कहा- करेंसी मैनेजमेंट का हिस्सा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय स्टेट बैंक की अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. इस मामले में आरबीआई ने हाई कोर्ट के सामने कहा कि यह नोटबंदी नहीं है, बल्कि एक वैधानिक कार्रवाई है.

By Pritish Sahay | May 29, 2023 12:16 PM

बिना पर्ची भरे और पहचान पत्र दिखाये 2000 रुपये के नोट बदलने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिका को खारिज की. बता दें याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI, आरबीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI, एसबीआई) के बिना पर्ची भरे और पहचान प्रमाण दिखाये 2000 रुपये के नोटों को बदलने की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी.

नोटबंदी नहीं, करेंसी मैनेजमेंट का हिस्सा

याचिकाकर्ता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने मामले को लेकर कहा कि बड़ी मात्रा में ये नोट या तो किसी व्यक्ति की तिजोरी में पहुंच गए हैं, या फिर अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों के पास हैं. अपनी याचिका में अधिवक्ता ने कहा कि उक्त अधिसूचना मनमानी, तर्कहीन और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती हैं. कोर्ट ने कहा कि आरबीआई ने हाई कोर्ट के सामने अपनी अधिसूचना का बचाव करते हुए कहा कि यह नोटबंदी नहीं है, बल्कि एक वैधानिक कार्रवाई है.

2000 के नोट को किया गया चलन से बाहर
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को 2 हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी. इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए लोगों को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है.

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सभी स्थानीय प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम लोगों को एक बार में कुल 20000 रुपये तक के 2000 रुपये के नोट बदल सीधे बदल सकते हैं. यानी 2000 रुपये के दस नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होगी. 

Also Read: अध्यादेश मामलाः सीएम अरविंद केजरीवाल की अपील पर कांग्रेस की आज बैठक, समर्थन पर पार्टी लेगी फैसला!

Next Article

Exit mobile version