PFRDA का बड़ा ऐलान, अब पेंशन का पैसा और तेजी से बढ़ेगा
PFRDA investment rules: भारत के पेंशन रेगुलेटर PFRDA ने पेंशन फंड्स के लिए बड़े बदलाव किया हैं, जिससे रिटायरमेंट सेविंग्स को अब ज्यादा रिटर्न और बेहतर सुरक्षा मिल सकती है. नई गाइडलाइन के तहत निजी पेंशन फंड अब टॉप 250 कंपनियों के शेयरों और गोल्ड–सिल्वर ETFs में निवेश कर सकते है. इससे युवा निवेशकों को अधिक विकल्प, कम जोखिम और मजबूत लॉन्ग टर्म ग्रोथ के मौके मिल सकते है. यह कदम पेंशन इंडस्ट्री को आधुनिक, विविध और आकर्षक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
PFRDA investment rules: भारत के पेंशन रेगुलेटर PFRDA ने बुधवार को ऐसे नए नियम जारी किया हैं, जो आने वाले समय में करोड़ों लोगों के रिटायरमेंट पैसों को बेहतर रिटर्न दिला सकते हैं. नई गाइडलाइन के बाद अब निजी पेंशन फंड देश की टॉप 250 कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते है. पहले यह सीमा सिर्फ 200 कंपनियों तक थी, इसलिए फंड मैनेजरों के पास अच्छे शेयर चुनने के कम विकल्प होते थे. यह बदलाव सीधे-सीधे इस बात को समझाता है कि अब पैसे को बढ़ाने के लिए और ज्यादा मौके खुल गये हैं.
क्यों बढ़ाई गई कंपनियों की लिस्ट?
यंग इन्वेस्टर्स के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कंपनियों की लिस्ट बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी थी. PFRDA का मानना है कि मार्केट लगातार बदल रहा है और नए सेक्टर तेजी से आगे आ रहे हैं. ऐसे में फंड मैनेजरों को ज्यादा विकल्प देकर उन्हें स्थिर और मजबूत रिटर्न लाने का मौका मिलेगा. खास बात यह है कि अब इन फंड्स को गोल्ड और सिल्वर ETFs में भी निवेश की अनुमति मिल गई है, जिससे पोर्टफोलियो में एक नई तरह की सुरक्षा और बैलेंस जुड़ जाएगा.
गोल्ड–सिल्वर ETF की इजाजत क्या बदलेगी?
बहुत से युवा निवेशक पहले से ही गोल्ड ETF जैसे विकल्पों को सुरक्षित मानते हैं. अब जब पेंशन फंड भी इन कमोडिटी विकल्पों में निवेश कर सकेंगे, तो रिटायरमेंट सेविंग्स मार्केट में नई विविधता आएगी. किसी एक सेक्टर पर निर्भरता कम होने से लंबे समय में जोखिम भी घटेगा और रिटर्न का रास्ता थोड़ा और साफ दिखाई देगा.
इसका फायदा किसे मिलेगा?
फिलहाल निजी पेंशन फंड इंडस्ट्री 15.78 ट्रिलियन रुपये की संपत्तियों का प्रबंधन कर रही है और करीब 8 करोड़ सब्सक्राइबर इससे जुड़े हैं. रेगुलेटर का लक्ष्य है कि 2030 तक यह संख्या 30 करोड़ के करीब पहुंचे. नए नियम इस दिशा में एक मजबूत कदम माने जा रहे हैं क्योंकि युवा इन्वेस्टर्स अब पेंशन को पुराने, बोरिंग विकल्प की तरह नहीं बल्कि एक स्मार्ट, फ्लेक्सिबल और रिटर्न देने वाला इन्वेस्टमेंट प्लान के रूप में देख पाएंगे.
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