अब स्पेस में रॉकेट छोड़ सकेंगी निजी कंपनियां, इसरो का कॉन्ट्रेक्ट पाने की होड़ में एलएंडटी और अडानी ग्रुप आगे

इसरो के इस कॉन्ट्रेक्ट को पाने की होड़ में भारत की अडानी ग्रुप और लार्सन एंड टर्बो (एलएंडटी) भी शामिल है. इसके अलावा भी कुछ संस्थाएं इस डील को पाने की कतार में खड़ी हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 27, 2021 10:57 PM

नई दिल्ली : अंतरिक्ष में सैर करने की ख्वाहिश तकरीबन हर आदमी की होती है. आम तौर पर रात में हर आदमी सपने में खुद को आसमान में उड़ता हुआ दिखाई देता है. अमेरिका के दिग्गज कारोबारी और टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क की तरह भारत की प्राइवेट कंपनियां भी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के लिए पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) अभियान में शामिल हो सकेंगी. इसरो के इस कॉन्ट्रेक्ट को पाने की होड़ में भारत की अडानी ग्रुप और लार्सन एंड टर्बो (एलएंडटी) भी शामिल है. इसके अलावा भी कुछ संस्थाएं इस डील को पाने की कतार में खड़ी हैं.

मीडिया की खबरों के अनुसार, यह सौदा पांच लॉन्च व्हीकल्स बनाने के लिए होगा. इसके लिए तीन संस्थाओं ने 30 जुलाई को न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) की ओर से जारी एक आरएफपी के जवाब में अपनी बोलियां जमा की हैं.

बता दें कि एनएसआईएल को शुरू में इसरो का वाणिज्यिक पैर माना जाता था. हालांकि, बाद में इसे लॉन्च वाहनों के उत्पादन, उपग्रहों के मालिक और अन्य के साथ अनिवार्य किया गया था. एनएसआईएल ने पांच पीएसएलवी के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) की घोषणा की थी. इसमें कई संस्थाओं ने दिलचस्पी दिखाई हैं. इनमें 3 संस्थाओं ने कुछ हफ्ते पहले ही बोलियां जमा की हैं.

इस कॉन्ट्रैक्ट को पाने की होड़ में भेल भी शामिल है. तीन संस्थाओं में एक एचएएल और एलएंडटी का कंसोर्टियम है. दूसरा अडानी-अल्फा डिजाइन, बीईएल और बीईएमएल शामिल हैं, जबकि भेल ने एकल फर्म के रूप में बोली लगाई है.

Also Read: एलन मस्क ने कॉलेज के दिनों में अपने होमवर्क को लेकर किए गए ट्विटर यूजर के एक पोस्ट पर दी ये प्रतिक्रिया

अंतरिक्ष विभाग के अनुसार, यह बोलियां मेक-इन-इंडिया पहल को बढ़ावा देगा. इसके साथ ही, यह इसरो की क्षमता को बढ़ाएगा. इसकी मदद से इसरो हर साल अधिक उपग्रह लॉन्च कर सकेगा.

Next Article

Exit mobile version