जीएसटी परिषद की शुक्रवार को दिल्ली में होगी 46वीं बैठक, दरों को घटाने फैसला कर सकती हैं निर्मला सीतारमण

जीएसटी परिषद की बैठक से जुड़े अधिकारी ने बताया कि जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक 31 दिसंबर को दिल्ली में होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2021 12:18 PM

नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की 46वीं बैठक शुक्रवार 31 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित की जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी. यह बैठक गुरुवार को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक के बाद आयोजित की जा रही है. मीडिया की रिपोर्ट्स में चर्चा इस बात की भी की जा रही है कि शुक्रवार को जीएसटी परिषद की बैठक में दरों को घटाने का फैसला किया जा सकता है.

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक 31 दिसंबर को आयोजित की जाएगी. इस बैठक में अन्य बातों के अलावा दरों को घटाने या युक्तिसंगत बनाने पर राज्यों के मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी. आमने-सामने की इस बैठक में कुछ उत्पादों पर उलट शुल्क ढांचे में सुधार पर भी चर्चा की जाएगी.

जीएसटी परिषद की बैठक से जुड़े अधिकारी ने बताया कि जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक 31 दिसंबर को दिल्ली में होगी. यह 30 दिसंबर को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ होने वाली बजट-पूर्व बैठक का विस्तार होगा. इसके साथ ही, दर युक्तिकरण से संबंधित मंत्री समूह (जीओएम) परिषद को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. समिति ने रिफंड भुगतान को कम करने में मदद करने के लिए एक उलट शुल्क संरचना के तहत वस्तुओं की समीक्षा की है.

इसके अलावा, फिटमेंट कमेटी में शामिल राज्यों और केंद्र के कर अधिकारी ने स्लैब और दरों में बदलाव और छूट सूची से वस्तुओं को हटाने के संबंध में मंत्री समूह को कई बड़ी सिफारिशें की हैं. फिलहाल, जीएसटी दर 5, 12, 18 और 28 फीसदी है. वहीं, विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर ऊंचे स्लैब के ऊपर उपकर (सेस) भी लगाया जाता है.

Also Read: चिदंबरम का आरोप : देश में महंगाई के लिए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार, घटाई जाए जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दर

मीडिया की रिपोर्ट में इस बात की भी चर्चा की जा रही है कि जीएसटी परिषद 12 और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाने की मांग और कुछ वस्तुओं को मुक्तता की श्रेणी से हटाने पर भी विचार करेगी. इससे स्लैब को युक्तिसंगत बनाने से राजस्व पर पड़ने वाले असर को लेकर संतुलन बैठाया जा सकेगा.

Next Article

Exit mobile version