1 अप्रैल से मोबाइल पर बात करना हो जाएगा महंगा, डाटा यूज करने के लिए खर्च करने होंगे पैसे, जानिए क्यों?

Mobile Data Plans : रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2021-22 में अपने कमाई बढ़ाने के लिए देश की टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर टैरिफ बढ़ा सकती हैं. हालांकि, मोबाइल कॉल और इंटरनेट डाटा की कीमतें कितनी बढ़ाई जाएंगी, इसका अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2021 6:40 PM
  • रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में किया गया है खुलासा

  • लॉकडाउन के बाद से बढ़ी है टेलीकॉम कंपनियों की कमाई

  • टेलीकॉम कंपनियों ने करोड़ों रुपये के एजीआर का बकाया

Mobile Data Plans : एक ही प्लान में अनलिमिटेड कॉल के साथ इंटरनेट डाटा का भरपूर लाभ उठाने वाले मोबाइल उपभोक्ता जरा सावधान हो जाएं. आने वाले 1 अप्रैल 2021 से आपको मोबाइल पर कॉल करना और इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल करना महंगा साबित हो सकता है. इसका कारण यह है कि देश की सेल्यूलर सर्विस प्रोवाडर टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल टैरिफ बढ़ाकर ग्राहकों को झटका देने के लिए कमर कस लिया है.

रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2021-22 में अपने कमाई बढ़ाने के लिए देश की टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर टैरिफ बढ़ा सकती हैं. हालांकि, मोबाइल कॉल और इंटरनेट डाटा की कीमतें कितनी बढ़ाई जाएंगी, इसका अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है.

कोरोना महामारी के असर से अछूता है टेलीकॉम सेक्टर

हालांकि, रिपोर्ट यह भी है कि टेलीकॉम कंपनियों की कमाई पर देश में फैली कोरोना वायरस महामारी का ज्यादा असर नहीं पड़ा है. यह बात दीगर है कि महामारी के प्रकोप के प्रसार की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से आठ कोर इंडस्ट्री समेत देश की अर्थव्यवस्था का पहिया करीब-करीब थम सा गया था. इसके बावजूद टेलीकॉम कंपनियों की आमदनी पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा.

टेलीकॉम सेक्टर में प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार हुआ है. कंपनियों के बढ़ते खर्च पर इसे ज्यादा नहीं कहा जाएगा. लिहाजा कंपनियां कॉल रेट बढ़ाकर तथाकथित तरीके से हुए राजस्व नुकसान का भरपाई करना चाहती हैं. बता दें कि पिछले साल भी कंपनियों ने रेट बढ़ाए थे. लॉकडाउन में डाटा यूजेज और टैरिफ में बढ़ोतरी के कारण स्थिति में सुधार हुआ. वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्लासेस के कारण डाटा का उपयोग बढ़ा है.

एआरपीयू से होगा राजस्व में सुधार

इक्रा की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टैरिफ में बढ़ोतरी और ग्राहकों का 2जी से 4जी में अपग्रेडेशन से एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) यानी प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार हो सकता है. साल के बीच तक यह करीब 220 रुपये हो सकता है. इससे अगले 2 साल में इंडस्ट्री का रेवेन्यू 11 फीसदी से 13 फीसदी और वित्त वर्ष 2022 में ऑपरेटिंग मार्जिन करीब 38 फीसदी बढ़ेगा.

टेलीकॉम कंपनियों पर करोड़ों का बकाया

टेलीकॉम कंपनियों पर कुल एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का बकाया 1.69 लाख करोड़ रुपये है. वहीं, अभी तक सिर्फ 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपयों का ही भुगतान किया है. एयरटेल पर करीब 25,976 करोड़ रुपये, वोडाफोन-आइडिया पर 50,399 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 16,798 करोड़ रुपये का बकाया है. बता दें कि कंपनियों को 10 फीसदी रकम चालू वित्त वर्ष में और बाकी रकम अगले सालों में चुकानी होगी.

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Posted By : Vishwat Sen

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