अमेरिकी कंपनियों का हो रहा चीन से मोहभंग, भा रहा है मेक इन इंडिया

अमेरिका और चीन के रिश्तों में आ रही कड़वाहट का असर अब दोनों देशों के व्यापार पर भी होने लगा है. अब अमेरिकी कंपनियों का रुख चीन से इतर भारत होने लगा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 22, 2020 3:39 PM

अमेरिका और चीन के रिश्तों में आ रही कड़वाहट का असर दोनों देशों के व्यापार साफ़ दिखने लगा है. इसका असर है कि अमेरिकी कंपनियों का रुख चीन से इतर भारत की ओर होने लगा है. बीते दिनों अमेरिका का चीन से काफी मोह भंग हुआ है, और दोनों देशों के रिश्तों में कडवाहट भी आई है, ऐसे में भारत अमेरिकी कंपनियों को देश में आने के लिए लुभाने की कोशिश कर रहा है. भारत की लिस्ट में अबॉट जैसी दवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भी शामिल है. इसके अलावा फूड प्रॉसेसिंग कंपनियों, टेक्सटाइल्स, लेदर समेत ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां को भी निवेश का न्योता भारत दे रहा हैं.

Also Read: देश के इन राज्यों में खत्म होगा कोरोना, तभी पटरी पर अर्थव्यवस्था की लौटने की उम्मीद

इससे पहले यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी ने भी न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया था कि कई अमेरिकी कंपनियां चीन की बजाये भारत में निवेश के बारे में पूछ रही हैं. ऐसे में अगर विदेशी कम्पनियों का देश में ​निवेश बढ़ता है तो इससे कोरोना के कारन चरमराई अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा होने में मदद मिलेगी.

Also Read: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काे बम से उड़ा देने की धमकी, यूपी पुलिस काे मिला धमकी भरा संदेश

अमेरिका चीन में गतिरोध : कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन में गतिरोध जारी है. दोनों और से बयानबाजी भी हो रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुले तौर पर कहा था कि वो चीन से खुश नहीं हैं. यही नहीं कोरोना को लेकर भी अमेरिका लगातार चीन पर हमला कर रहा है. भारत-चीन सीमा पर हो रही तनातनी के बीच अमेरिका खुल कर भारत के समर्थन में आ गया है. अमेरिका ने इस मामले में कहा कि चीन भारत अपने अपने पड़ोसी देशों के साथ बलपूर्वक सैन्य गतिविधियों में संलिप्त है. चीन दक्षिण एशिया में अपने सभी पड़ोसी देशों के लिए माहौल ख़राब कर रहा है. चीन से अमेरिका की बढती दूरी अमेरिकी कम्पनियों के लिए भारत का रास्ता साफ़ कर रही हैं.

Also Read: EMI में राहत से लेकर महंगाई तक, जानें- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की बड़ी बातें

गौरतलब है कि भारत में भी चीन से बहुत से सामान आते है जिनकी कीमत भारतीये सामानों की तुलना में काफी कम होता है. भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँच रहा है. और चीनी कारोबार फलफूल रहा है. ऐसे में अगर भारत में ही बड़ें पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा तो चीन से आयात कम हो जाएगा. जो मेक इन इंडिया को और मजबूती देगा. देश और दुनिया से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

Next Article

Exit mobile version