Lenskart IPO GMP का शोर हर तरफ, मुनाफे का चश्मा चढ़ा या उम्मीदों पर पड़ी धुंध?
Lenskart IPO GMP: लेंसकार्ट का आईपीओ इस वक्त बाजार की सबसे बड़ी सुर्खी बना हुआ है. हर कोई जानना चाहता है कि क्या ये इश्यू वैसा धमाल मचाएगा जैसा इसके ब्रांड ने रिटेल दुनिया में किया है. एक तरफ निवेशकों में उत्साह है, तो दूसरी ओर ग्रे मार्केट में बदलते संकेत सबको सोचने पर मजबूर कर रहे हैं. क्या 70 रुपये का जीएमपी लेंसकार्ट के शेयरों को उड़ान देगा या ऊंची वैल्यूएशन इसका जोश ठंडा कर देगी? जवाब तो लिस्टिंग डे पर ही मिलेगा, लेकिन फिलहाल बाजार की निगाहें पूरी तरह इस "स्पेक्स वाले स्टार" पर टिकी हैं.
Lenskart IPO GMP: शेयर बाजार में इस हफ्ते सबसे ज्यादा चर्चा में अगर कोई आईपीओ है तो वो है लेंसकार्ट (Lenskart) का मेगा इश्यू. भारत की सबसे बड़ी आईवियर कंपनी अब स्टॉक मार्केट में कदम रखने जा रही है, और निवेशकों के बीच इसे लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर, इसकी ऊंची वैल्यूएशन और ग्रे मार्केट में बदलते रुझान ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है की क्या लेंसकार्ट का आईपीओ वाकई उतना “हॉट” रहेगा जितनी चर्चा इसके नाम की है?
क्या लेंसकार्ट आईपीओ बना रहेगा हॉट?
आईवियर ब्रांड लेंसकार्ट का आईपीओ अब सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है, और इसके साथ ही बाजार में इसकी वैल्यूएशन पर जोरदार बहस छिड़ी हुई है. कंपनी 18.10 करोड़ शेयर पेश कर रही है, जिसमें 5.35 करोड़ नए शेयर और 12.75 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत हैं. कीमत का दायरा 382 रुपये से 402 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो कंपनी करीब 7,278 करोड़ रुपये जुटाएगी, जिससे इसकी वैल्यूएशन लगभग 70,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. खुदरा निवेशकों के लिए लॉट साइज 37 शेयर का रखा गया है यानी कम से कम 14,874 रुपये का निवेश जरूरी होगा.
जीएमपी में उतार-चढ़ाव क्यों दिख रहा है?
आईपीओ से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में काफी हलचल देखी जा रही है. अक्टूबर के बीच में जहां जीएमपी 108 रुपये तक पहुंच गया था, वहीं महीने के आखिर में यह घटकर 48 रुपये–63 रुपये तक आ गया है. 31 अक्टूबर को रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीएमपी लगभग 70 रुपये था यानी करीब 17% का अनुमानित लिस्टिंग गेन है. इसका मतलब है कि निवेशक आईपीओ को लेकर उत्साहित तो हैं, लेकिन पहले जितनी खुशी अब नहीं दिख रही है.
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वैल्यूएशन पर क्यों उठे सवाल?
शुरुआत में लेंसकार्ट की तेजी का कारण था कंपनी का FY25 में 297 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज करना, जबकि पिछले साल नुकसान हुआ था. लेकिन बाद में एनालिस्ट्स ने इसकी वैल्यूएशन पर सवाल उठाए और कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग रेशीओ लगभग 230 गुना बताया जा रहा है. इसके अलावा मुनाफा वास्तविक बिजनेस प्रॉफिट से नहीं बल्कि मुख्य रूप से अन्य ऑपरेटिंग इंकम से आया है.
क्या निवेश करना सही रहेगा?
फिलहाल 70 रुपये का जीएमपी यह संकेत देता है कि लिस्टिंग डे पर करीब 17% का फायदा मिल सकता है. लेकिन यह पहले के 27% के मुकाबले काफी कम है. यानी लिस्टिंग पर थोड़ी चमक तो हो सकती है, पर “आसान मुनाफे” की उम्मीद शायद पूरी न हो. निवेशकों के लिए अब असली सवाल यह है कि क्या लेंसकार्ट लिस्टिंग के बाद अपने ग्रोथ और मुनाफे के वादे पर खरा उतर पाएगा?
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